मरीजों के लिए राहत : बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में ऑर्थोपेडिक ऑपरेशन थिएटर रात दस बजे तक होगा संचालित
—15 दिसम्बर से नियम लागू, आपातकालीन सर्जरी के लिए समर्पित टीम उपलब्ध रहने का दावा
वाराणसी,05 दिसम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के चिकित्सा विज्ञान संस्थान ट्रॉमा सेंटर में मरीजों को राहत देने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। ट्रामा सेंटर में अब ऑर्थोपेडिक ऑपरेशन थिएटर (ओटी) अब रात 10 बजे तक संचालित होगी। यह नियम 15 दिसंबर से लागू होगा। ट्रॉमा सेंटर में लगातार बढ़ते मरीजों की संख्या और उनकी आवश्यकताओं,इमरजेंसी में त्वरित सर्जिकल हस्तक्षेप की आवश्यकता को देखते हुए ऑर्थोपेडिक ऑपरेशन थिएटर का समय बढ़ाने का निर्णय लिया गया। शुक्रवार को ट्रॉमा सेंटर के आचार्य प्राभारी प्रो. सौरभ सिंह ने यह जानकारी दी।
आचार्य प्रभारी के अनुसार प्रदेश और पूर्वांचल क्षेत्र में दुर्घटना एवं ट्रॉमा के मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। दिन में आने वाले मामलों के अतिरिक्त, शाम और रात में भी बड़े पैमाने पर गंभीर ट्रॉमा मरीज लाए जाते हैं, जिनके तत्काल शल्य-चिकित्सा प्रबंधन की आवश्यकता होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए ओटी का कार्य समय बढ़ाने का निर्णय लिया गया है, जिससे मरीजों की जीवन-रक्षा संबंधी सर्जरी समय पर और बिना विलंब किए की जा सके।
—विस्तारित ओटी व्यवस्था के लाभ
आचार्य प्रभारी प्रो. सिंह के अनुसार देर शाम और रात में लाए गए गंभीर ट्रॉमा मामलों में तुरंत सर्जिकल हस्तक्षेप, लंबी प्रतीक्षा और अगले दिन तक सर्जरी टलने जैसी समस्याओं में कमी, जिससे मरीज की स्थिति बिगडने का जोखिम घटेगा। अंग-बचाव प्रक्रियाओं के परिणाम बेहतर होंगे, क्योंकि जटिल फ्रैक्चर और वैस्कुलर चोटों में शीघ्र सर्जरी अत्यंत आवश्यक है। इमरजेंसी विभाग में भीड़ और दबाव कम होगा, जिससे मरीजों के ट्राइएज और प्रबंधन की गुणवत्ता में सुधार आएगा। दिनभर ओटी उपयोगिता में संतुलन, जिससे संसाधनों का अधिक कुशल और वैज्ञानिक उपयोग सुनिश्चित होगा। अकादमिक और प्रशिक्षण गतिविधियों को समर्थन, क्योंकि विस्तारित सेवाएँ ऑर्थोपेडिक रेजिडेंट्स, फेलोज और नर्सिंग स्टाफ के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण के अवसर बढ़ाएँगी।
उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय संदर्भ केंद्र के रूप में ट्रॉमा सेंटर की भूमिका सशक्त, जिससे अन्य अस्पतालों से रेफरल मैनेजमेंट में भी सहजता आएगी। प्रो. सौरभ सिंह ने कहा कि बीएचयू ट्रॉमा सेंटर का लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप आपातकालीन सेवा व्यवस्था विकसित करना है। ओटी समय का विस्तार उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे रोगियों को समय पर, सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण सर्जिकल उपचार उपलब्ध कराया जा सके। उन्होंने बताया कि यह नई व्यवस्था ऑर्थोपेडिक विभाग, एनेस्थीसिया विभाग, नर्सिंग सेवाओं, तकनीकी स्टाफ और प्रशासनिक इकाइयों के संयुक्त सहयोग से लागू की जा रही है। सभी विभागों को आवश्यक मानव संसाधन, उपकरण समर्थन और समन्वय प्रदान किया गया है। 15 दिसंबर 2025 से लागू होने वाली व्यवस्था में सुबह 8:00 बजे से रात 10:00 बजे तक ऑर्थोपेडिक ओटी का संचालन प्रतिदिन,आपातकालीन सर्जरी के लिए समर्पित टीम उपलब्ध,आवश्यकतानुसार सपोर्ट सेवाएँ रेडियोलॉजी, ब्लड बैंक, लैब, आईसीयू भी उपलब्ध रहेगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

