अब गांव विकास की नई राह पर : रामबहादुर राय

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गाजियाबाद, 05 दिसंबर (हि.स.)। वरिष्ठ पत्रकार एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष रामबहादुर राय और जेएनयू के पूर्व प्राध्यापक प्रो. अरुण कुमार ने वरिष्ठ पत्रकार नीलम गुप्ता की पुस्तक ‘गांव के राष्ट्रशिल्पी’ का लोकार्पण किया। कार्यक्रम का आयोजन वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के विवेकानंद सभागार में सोमवार को किया गया।

इस अवसर पर रामबहादुर राय ने कहा कि अब गांव भी शहरों जैसे सम्पन्न हो चुके हैं। सड़कों का जाल गांवों तक फैल चुका है। अब गांव विकास की नई राह पर हैं। ऐसे में ग्रामशिल्पी का स्वप्न साकार होता दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि तकनीक के बदलते युग ने गांवों की परिभाषा भी बदली है।

प्रो. अरुण कुमार ने कहा कि आज हम जिस आत्मनिर्भर भारत की बात कर रहे हैं, वह आत्मनिर्भर भारत गांवों से ही निर्मित हो सकेगा। वरिष्ठ पत्रकार जय प्रकाश पांडेय ने कहा कि अपनी तमाम सीमाओं के बावजूद ग्रामशिल्पी एक हद तक लोकशक्ति को जगाने में कामयाब रहा। इससे पता चलता है कि सौ साल बाद भी गांधी की आत्मा गुजरात विद्यापीठ में जीवंत है और वहां आने वालों को प्रभावित करती है। नीलम गुप्ता की पुस्तक में इस बात का बखूबी उल्लेख है।

ग्रामशिल्पी राधा कृष्ण ने आगरा जिले के एक गांव में ग्रामशिल्प के किए जा रहे अपने सामाजिक कार्यों का उल्लेख किया और नौजवानों को गांवों में श्रमदान करने की बात पर जोर दिया। उन्होंने ग्रामशिल्पियों पर पुस्तक लाने पर नीलम गुप्ता का आभार भी व्यक्त किया।

विशिष्ट वक्ता मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया ने यूनिवर्सिटी और मेवाड़ गर्ल्स कॉलेज में ग्रामीण युवाओं व युवतियों के लिए किए जा रहे रोजगारपरक एवं शिक्षाप्रद कार्यों को ग्रामशिल्प का अनूठा उदाहरण बताया। साथ ही गांवों से शहरी नौजवानों को जोड़ने की बात कही।

नीलम गुप्ता ने अपनी पुस्तक के बारे में संक्षेप में बताया। उन्होंने बताया कि पुस्तक में महात्मा गांधी के गुजरात विद्यापीठ के कार्यों का विस्तृत और सूक्ष्म आकलन किया गया है। इसमें बताया गया है कि कैसे नौजवान लोकशक्ति को जगाकर गांवों को आत्मनिर्भरता एवं स्वराज की ओर ले जा सकते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/फरमान अली/मोहित/पवन

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