रामोत्सव 2024 : प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर श्रद्धालुओं को फीलगुड कराएगा परिवहन विभाग

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 रामोत्सव के दौरान अयोध्या में यातायात की आदर्श व्यवस्था सुनिश्चित कर रही योगी सरकार 

टैक्सी एवं बस ड्राइवरों को यातायात के साथ ही अच्छे बिहेवियर के लिए दिया जा रहा है प्रशिक्षण

चालकों को टूरिस्ट्स के प्रति व्यवहार, अनिवार्य रूप से वर्दी धारण करने के लिए किया गया प्रोत्साहित

किसी भी तरह के नशे या पान गुटका के सेवन पर पाबंदी, ज्यादा किराया भी नहीं वसूल सकेंगे यात्री वाहन

लखनऊ, 9 जनवरी। अयोध्या में निर्मित भव्य राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार श्रद्धालुओं को फील गुड कराने की तैयारी में है। सीएम योगी के निर्देश पर ट्रांसपोर्ट विभाग की ओर से इसके लिए कार्ययोजना पर काम शुरू कर दिया गया है। इसके तहत टैक्सी एवं टूरिस्ट बस वाहन स्वामियों के साथ बैठक कर रामोत्सव के दौरान अयोध्या में आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के तहत टैक्सी एवं टूरिस्ट बसों को आवश्यकतानुसार आरक्षित रखने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। साथ ही टैक्सी एवं बस ड्राइवरों को सुरक्षित ड्राइविंग, ट्रैफिक रूल्स को फॉलो करने, टूरिस्ट्स के साथ अच्छा बिहैव करने और अनिवार्य रूप से वर्दी पहनने के निर्देश दे दिए गए हैं। साथ ही इस दौरान किसी भी तरह के नशे एवं पान गुटका के सेवन से दूर रहने और वाहनों की नियमित साफ सफाई की हिदायत भी दी गई है। ये भी निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि यात्रियों से किसी भी हालत में निर्धारित किराए से अधिक की वसूली नहीं होनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर पूरे देश में माहौल बन चुका है। लाखों यात्री प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में अपने अराध्य के नए मंदिर में उनके दर्शनों को लेकर उतावले हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार ने कार्यक्रम के साथ ही श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए यातायात व्यवस्था को दुरुस्त रखने की तैयारी की है। 

नशे एवं पान गुटका के सेवन पर पाबंदी 
परिवहन विभाग की ओर से कार्ययोजना पर अमल शुरू कर दिया गया है। ट्रांसपोर्ट कमिश्नर चंद्र भूषण सिंह के अनुसार अयोध्या में टैक्सी एवं बस ड्राइवरों को संवेदनशील बनाने के लिए निर्धारित बिंदुओं पर प्रशिक्षण देकर उनका अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है। इसमें सुरक्षित वाहन चलाना एवं यातायात नियमों का पालन कराया जाना, चालकों का टूरिस्ट के प्रति व्यवहार, चालकों द्वारा अनिवार्य रूप से वर्दी धारण किया जाना, किसी भी नशे एवं पान गुटका के सेवन से दूर रहना, वाहन की साफ-सफाई को सुनिश्चित करना, निर्धारित किराया से अधिक किराया किसी भी दशा में न वसूल किया जाना शामिल है। इसके अतिरिक्त अयोध्या की परिधि के 200 किमी. में सभी मार्गों पर इंटरसेप्टर वाहनों द्वारा प्रवर्तन टीमों को टूरिस्ट के सहायतार्थ लगाया जाना तथा सड़क दुर्घटना से संबधित बिन्दुओं जैसे ओवरलोडिंग, ड्रंकन ड्राइविंग,रांग साइड ड्राइविंग, निर्धारित किराया से अधिक किराया लिये जाने, चालकों के ड्रेस कोड तथा सुरक्षा की दृष्टि से अन्य उपायों को अपनाए जाने के लिए जागरूक किए जाने के साथ आवश्यकतानुसार प्रवर्तन कार्यवाही किया जाना महत्वपूर्ण है। 

श्रद्धालुओं के साथ ही स्थानीय लोगों की सुविधा का भी रखा जा रहा ध्यान 
उन्होंने बताया कि लखनऊ से अयोध्या, गोरखपुर से अयोध्या तथा सुल्तानपुर से अयोध्या के बीच पड़ने वाले समस्त टोल प्लाजा पर टूरिस्ट के सहायतार्थ परिवहन विभाग का हेल्पडेस्क स्थापित की जा रही है। सुरक्षित सफर के लिए सड़क सुरक्षा एवं यातायात नियमों का होर्डिंग, समाचार पत्रों, पब्लिसिटी वैन, डिजिटल बैनर तथा समस्त सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। सड़क सुरक्षा के लिए एनएचएआई के एनएच तथा एसएच मार्गों पर एंबुलेंस, पेट्रोलिंग एवं क्रेन वाहनों को मार्गों पर तैनाती सुनिश्चित की गई है। उन्होंने बताया कि अयोध्या में मारूति सुजुकी इंडिया लि. द्वारा ड्राइविंग ट्रेनिंग एवं टेस्टिंग इंस्टीट्यूट (डीटीटीआई)में ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक के आटोमेशन पर कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है तथा मार्च, 2024 तक पूर्ण किया जाना संभावित है। डीटीटीआई का निर्माण उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम द्वारा किया गया, जिस पर कुल 856.84 लाख रुपए का व्यय हुआ है। निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद वर्तमान में विभाग द्वारा मैनुअल ड्राइविंग टेस्टिंग का कार्य किया जा रहा है। 

सड़क सुरक्षा पखवाड़ा में यातायात व्यवस्था को किया गया दुरुस्त 
15 दिसंबर से 31 दिसंबर 2023 तक पूरे प्रदेश में आयोजित सड़क सुरक्षा पखवाड़ा के तहत अयोध्या में भी इसको प्रभावी तरीके से संचालित किया गया। यहां उद्घाटन समारोह में 33343 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। 33020 प्रतिभागियों को शपथ दिलाई गई। इस दौरान 109677 लोगों को सड़क सुरक्षा एवं यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया गया। 195 स्थलों पर एलईडी युक्त पब्लिसिटी वैन द्वारा एवं 362 स्थापित पब्लिक एड्रेस सिस्टम द्वारा सड़क सुरक्षा एवं यातायात नियमों का प्रचार-प्रसार किया गया। राजकीय चिकित्सालयों में स्वास्थ्य जांच कार्ड के अनुसार नेत्र एवं स्वास्थ्य परीक्षण किए गए, जिसमें 11274 व्यवसायिक वाहन चालक सम्मिलित हुए। मेडिकल कॉलेज में आयोजित बेसिक ट्रामा लाइफ सपोर्ट कार्यक्रम में 5709 लोगों ने प्रतिभाग किया। 9373 व्यवसायिक वाहनों, ट्रैक्टर ट्रालियों के पीछे रेट्रो रिफ्लेक्टिव टेप, बैक लाइट, फॉग लाइट व मानक के अनुरूप लगे होने जांच की गई। सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत लेन ड्राइविंग एवं रात्रि में हेडलाइट के हाइबीम लोबीम के प्रयोग के संबंध में 12438 लोगों को जागरूक किया गया। प्रदूषण जांच केंद्रों की चेकिंग अभियान में 825 केंद्रों को चेक किया गया, जिसमें 20 अनफिट पाए गए। स्कूली वाहनों की सड़क सुरक्षा के मानकों के अनुरूप चेकिंग अभियान में 3477 वाहन चेक किए गए तथा 176 अनफिट पाए गए। कार्यक्रम का आयोजन तथा हेल्मेट वितरण किया गया। सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले एनजीॉओ, गुड सेमेरिटन, मास्टर ट्रेनर, रोड सेफ्टी क्लब को सम्मानित किया गया।

पखवाड़ा के दौरान की गई प्रवर्तन की कार्यवाही
सड़क सुरक्षा पखवाड़ा के दौरान प्रवर्तन की भी कार्यवाही भी की गई। ओवरलोडिंग पर 988 चालान किए गए, जबकि गलत नंबर प्लेट पर 407, बिना एचएसआरपी लगे वाहनों पर 2442, सड़क किनारे खड़े अवैध वाहनों पर 677, रेट्रो रिफ्लेक्टिव टेप नहीं लगे होने पर 737, हेल्मेट का प्रयोग नहीं करने वालों पर 4581, वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग करने पर 840, गतल दिशा में वाहन चलाने पर 1117, अनधिकृत रूप से संचालित बसों के विरुद्ध 333, प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के विरुद्ध 599, वाहनों में हूटर, सायरन, प्रेशर हॉर्न व शीशे पर काली फिल्म के विरुद्ध 310, लेन ड्राइविंग का पालन न करने वालों पर 135, डंकन ड्राइविंग पर 202, ओवरस्पीड पर 1583, क्षमता से अधिक यात्रियों पर 301 और सीट बेल्ट का प्रयोग न करने पर 1404 चालान किए गए। इन चालान के माध्यम से कुल 3.3 करोड़ रुपए राजस्व की प्राप्त हुई।

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