जाति विशेष का नाम लेकर रामकथा की बात नहीं होनी चाहिए — दयाशंकर सिंह

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जाति विशेष का नाम लेकर रामकथा की बात नहीं होनी चाहिए — दयाशंकर सिंह


लखनऊ, 03 जुलाई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि हमारी संस्कृति में हर समाज से लाखों संत महात्मा निकले हैं। सबसे बड़े हमारे संत वाल्मीकी जी हैं। जिनकी लिखी रामायण से रामकथा सभी संत पढ़ते हैं। जाति विशेष का नाम लेकर रामकथा की बात नहीं होनी चाहिए।

मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि प्रदेश में अमन चैन की व्यवस्था ना रहें। ये उसी आराजकता में ले जाना चाहते है, जो समाजवादी पार्टी की सरकार में आराजकता थी। ये लोग अपने बयानों से प्रदेश को अराजकता में ढ़केलना चाहते हैं। किसी भी समुदाय का कोई भी व्यक्ति धार्मिक कथाएं सुना सकता है। ऐसा मेरा मानना है।

उन्होंने सावन माह में नेमप्टेल वाले प्रश्न के उत्तर में कहा कि नाम बताने में क्या दिक्कत होती है। हम लोग मंत्री हैं तो हमें भी अपना कार्ड दिखाना पड़ता है। हमसे कार्ड मांगा जाता है, हम भी अपना कार्ड दिखाते हैं। पहचान छुपाना गलत है और कोई गलत करेगा तो उसकी जिम्मेदारी सरकार की ही होगी। इसक कारण किसी को अपनी पहचान बताने में कोई कठनाई नहीं होनी चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार / श.चन्द्र

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