राज सत्ता आधारित नहीं, बल्कि संस्कार और संस्कृति आधारित है समाज : नरेंद्र सिंह
हरदोई, 18 अगस्त (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के रक्षाबंधन उत्सव में मुख्य वक्ता एवं सामाजिक समरसता के क्षेत्र संयोजक नरेंद्र सिंह ने कहा हमारा समाज कोई राज सत्ता आधारित समाज नहीं है, बल्कि ये तो संस्कार और संस्कृति आधारित समाज है। जो इस राष्ट्र पर आक्रमण के लिए आये, वो यहां की संस्कृति में समाहित होते चले गए। इसी प्राचीन संस्कृति की अविरल धारा ने हमारे राष्ट्र को एक बनाए रखा है।
उन्होंने कहा कि हमारे देश में जो पर्व मनाये जाते हैं, उनके पीछे का मूल तत्व संस्कार है। रक्षा बंधन ऐसे ही एक भारतीय मूल्य पर आधारित है। रक्षा बंधन पर न सिर्फ भाई बहन की रक्षा करें, बल्कि हम अपने बंधुओं, कुटुंब, पर्यावरण और राष्ट्र की रक्षा करें। देश के अच्छे नागरिक बनें। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की जो इस देश के आदर्श नागरिक की अवधारणा है, वही संघ के स्वयंसेवक की भी है। संघ शारीरिक, बौद्धिक और नैतिक रूप से सशक्त व्यक्तिव का निर्माण करता है और यही शारीरिक, बौद्धिक और नैतिक शक्ति समाज के संगठन, समाज के जागरण और समाज में आवश्यक परिवर्तन का कार्य करती है।
उन्होंने आगे कहा कि 2025 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं और इस अवसर पर हम सभी को पञ्च संकल्प लेने चाहिए। ये पंच संकल्प हैं, सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण रक्षा, नागरिक कर्तव्य और स्व की संकल्पना। इन पञ्च संकल्पों द्वारा ही भारत विश्व का आर्थिक, राजनैतिक और आध्यात्मिक नेतृत्व करेगा। उत्सव की अध्यक्षता पावरलिफ्टिंग की अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी व रेफरी पूनम तिवारी ने की। समारोह में मुख्य वक्ता के अतिरिक्त विभाग संघचालक शिवस्वरूप, विभाग प्रचारक कौशल, जिला प्रचारक रवि, जिला कार्यवाह संजीव खरे, नगर संघचालक मिथिलेश शर्मा, नगर कार्यवाह विनय पाण्डेय, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी उपस्थित रहे। भारी संख्या में नारी शक्ति व सर्व हिन्दू समाज ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
हिन्दुस्थान समाचार / अंबरीश कुमार सक्सेना / शरद चंद्र बाजपेयी / राजेश
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