रेलवे फाटक बंद, स्कूल, मजदूरी और आस्था पर असर

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रेलवे फाटक बंद, स्कूल, मजदूरी और आस्था पर असर


- शिवपुर क्रॉसिंग बंद होने से कोइरान बस्ती समेत कई गांवों में उभरा जनजीवन का संकट

मीरजापुर, 12 जुलाई (हि.स.)। विन्ध्याचल क्षेत्र के शिवपुर कोइरान बस्ती में रेलवे क्रॉसिंग का बंद होना अब सिर्फ एक तकनीकी कार्य नहीं रह गया है, बल्कि यह आमजन के लिए रोजमर्रा की मुसीबत बन चुका है।

महेश भट्टाचार्य प्राइमरी स्कूल और राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की छात्राओं के लिए यह बदलाव किसी आपदा से कम नहीं। अब उन्हें स्कूल पहुंचने के लिए न सिर्फ लंबा बल्कि असुरक्षित रास्ता तय करना पड़ रहा है।

मजदूरों की मेहनत पर भारी पड़ा फाटक का ताला

कोइरान, गोपालपुरा और मड़गुड़ा जैसे गांवों से अकोढ़ी छानबे मजदूरी के लिए जाने वाले ग्रामीणों को अब सिर पर बोझ लादकर अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है। यह केवल थकान की बात नहीं है, यह उनकी रोजी-रोटी पर सीधा असर डाल रहा है।

बच्चों की किताबें बोझ बनीं

स्कूल जाने वाले नन्हें बच्चे अब अपने भारी बस्तों के साथ लंबी दूरी चलने को मजबूर हैं। शिवपुर की छात्राएं, जो कभी समय से स्कूल पहुंचती थीं, अब देरी से पहुंचने और थकावट के कारण पढ़ाई से कट रही हैं।

धार्मिक आस्था भी प्रभावित

अष्टभुजा और शिवपुर क्षेत्र से मां विंध्यवासिनी दर्शन को जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी यह फाटक जीवनरेखा जैसा था, जिसकी अनुपस्थिति आस्था के मार्ग में रोड़ा बन गई है।

विरोध पर एफआईआर की धमकी!

जब ग्रामीणों ने कार्य रुकवाने की कोशिश की तो विभागीय अधिकारियों ने एफआईआर की चेतावनी देकर उन्हें पीछे हटने को मजबूर कर दिया। इससे जनाक्रोश और अधिक गहराता जा रहा है।

जनता की मांग: पहले व्यवस्था, फिर कार्यवाही

स्थानीय निवासियों की साफ मांग है कि पहले वैकल्पिक रास्ता बनाओ, फिर क्रॉसिंग बंद करो। यह सिर्फ एक क्रॉसिंग नहीं, सैकड़ों की दिनचर्या का केंद्र है।

हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा

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