रेलवे बोर्ड जनहित में वापस ले नई विज्ञापन नीति : अरुण सोनकर

WhatsApp Channel Join Now
रेलवे बोर्ड जनहित में वापस ले नई विज्ञापन नीति : अरुण सोनकर


प्रयागराज, 02 सितम्बर (हि.स.)। भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता अरुण कुमार सोनकर ने भारत सरकार के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व रेल मंत्री का ध्यान आकर्षित कराया है। उन्होंने कहा है कि रेलवे बोर्ड के गैर जिम्मेदाराना फैसले से अखबारों के आर्थिक संकट से लाखों परिवार प्रभावित होंगे। इसलिए रेलवे बोर्ड जनहित में नई विज्ञापन नीति वापस ले।

अरुण सोनकर ने कहा है कि रेलमंत्री भारत सरकार की जनहित में अति सुदृढ़ सोच व दूरदर्शिता द्वारा लिए गए वर्षों पुराने निर्णय में रेलवे बोर्ड ने भारत के रेल विभाग को 17 जोन में बाँटा और जनहित में विज्ञापन नीति को भारत के उक्त जोनों में अलग-अलग भाषाओं में प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय, क्षेत्रीय व स्थानीय समाचार-पत्रों में प्रकाशन हेतु उचित व्यवस्था की गई थी। जिससे देश के हर नागरिक को प्रचार-प्रसार के माध्यम से जागरूक किया जा सके। जनहित में प्रचार-प्रसार के साथ-साथ देश के कोने-कोने से प्रकाशित समस्त भाषाओं के समाचार-पत्रों को भी प्रकाशन हेतु आर्थिक सहयोग मिलता रहे।

भारत सरकार की इस सकारात्मक सोच की वजह से सम्पूर्ण भारत में जनहित में कार्य कर रहे अख़बारों से जुड़े लाखों परिवारों की जीविका भी चलती है। उनके परिवार का भरण-पोषण भी होता है। लेकिन अचानक वर्तमान रेलमंत्री भारत सरकार के इशारे पर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने रेलवे जोन से निर्गत होने वाली विज्ञापन नीति को समाप्त कर डीएवीपी विज्ञापन एजेंसी दिल्ली में शामिल कर दिया है, जोकि मानवीय आधार पर बिल्कुल गलत निर्णय है। अगर समय रहते रेल मन्त्री, चेयरमैन रेलवे बोर्ड ने देश के चतुर्थ स्तम्भ कहे जाने वाले अख़बार के लिए लागू की गई नई विज्ञापन नीति वापस नहीं लिया तो लाखों परिवार के सामने बड़ा आर्थिक संकट आ जाएगा, जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी भारत सरकार की होगी।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/पदुम नारायण

Share this story