नैमिषारण्य के संत व धर्माचार्य बोले 'कोट के ऊपर जनेऊ' पहनने वाले क्या जाने हिन्दू और उसकी संस्कृति
सीतापुर, 02 जुलाई(हि.स.)। कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के हिन्दू विरोधी बयान पर संतों व धर्माचार्यों ने घोर आपत्ति जतायी है। उनके बयान को लेकर हिन्दू संगठनों में भी काफी रोष है। कई तहसीलों में विभिन्न संगठनों ने राहुल गांधी के बयान पर मंगलवार को उनके पुतले भी फूंके।
राहुल गांधी के बयान को लेकर जहां हिंदूवादी संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ 88 हजार ऋषिमुनियों की तपोस्थली नैमिषारण्य के साधु-संतों व धर्माचार्यो में जमकर गुस्सा है।
धर्माचार्यो व संतों ने इसे राहुल गांधी की बचकानी हरकत करार देते हुए उनसे सम्पूर्ण हिन्दू समाज से सार्वजनिक रूप से कान पकड़ कर माफी मांगने की बात कही है। कुछ साधुओं ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि 'कोट के ऊपर जनेऊ' पहनने वाले तथाकथित हिन्दू(राहुल) क्या जानें हिन्दू और उसकी संस्कृति। उनसे ऐसे ही बयान की अपेक्षा की जा सकती है।
'हिन्दुस्थान समाचार' ने नैमिषारण्य धाम से जुड़े प्रमुख संतो-धर्माचार्यो से राहुल गांधी के बयान को लेकर उनकी प्रतिक्रिया जानी तो उन्होंने कहा कि तथाकथित हिन्दू क्या जानें हिन्दू और उसकी संस्कृति...।
कुछ नेताओं का फैशन हो चुका है हिन्दुओं को गाली देना - महंत बजरंग दास
नैमिषारण्य स्थित हनुमानगढ़ी के महंत बजरंगदास ने हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में कहा कि आज देश के अंदर हिंदुओं को गाली देने की आदत सी बन गई है। दुर्भाग्य है कि देश के कुछ राजनेताओं ने इसे फैशन बनाकर रखा है।
उन्होंने कहा कि हिन्दुओं के प्रति ऐसी भाषा कुछ सीट जीतने का अहंकार मात्र है। राहुल का बयान बेहद बचकाना है, इसके लिए उन्हें तत्काल कान पकड़ कर माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदुओं को गाली देकर राजनीति करने का चलन बंद होना चाहिए। महंत बजरंगदास ने नाराजगी भरे लहजे में कहा कि हिंदू समाज इस तरह की हरकत बर्दाश्त करने वाला नहीं है।
आत्म चिंतन करें राहुल -अनिल शास्त्री
नैमिषारण्य स्थिति व्यास पीठाधीश्वर एवं प्रसिद्ध तांत्रिक धर्माचार्य अनिल शास्त्री ने कहा कि राहुल गांधी राज घराने परिवार से आते हैं, उन्हें स्वयं चिंतन करना चाहिए कि राजा का विचार किसी जाति विशेष को लेकर नहीं होना चाहिए। अगर ऐसा है तो राजा अयोग्य है। राहुल गांधी सांसद हैं उनका इस तरह का बयान निन्दनीय है।
उन्होंने कहा कि हिन्दू कभी हिंसक नहीं होता। इस तरह के बयान से समाज के अंदर एक वर्ग के अपमान का कारण बनता है और अपमान विनाश का कारण बन जाता है। उन्हें इस पर आत्म मंथन अवश्य करना चाहिए कि हिंदू कभी हिंसात्मक नहीं रहा, उनका यह बयान कुठाराघात है।
'कोट के ऊपर जनेऊ' पहनने वाले क्या जाने हिंदू और उसकी संस्कृति -संतोष दास खाकी
मिश्रिख परिक्रमा तीर्थ से जुड़े प्रसिद्ध महंत संतोष दास खाकी ने राहुल गांधी के बयान को बचकाना बताते हुए कहा कि हिंदू संस्कृति को हिंसक कहना अल्पज्ञता है, राहुल गांधी के मन में कुंठा के उदगार हैं। दुःखद है कि भारत में रहने वाला व्यक्ति हिंदू संस्कृति नहीं जानता? वह भारतवासी नहीं हो सकता!
उन्होंने कहा कि अफसोस यह भी है कि हिंदुओं के प्रति ऐसी आस्था रखने वालों के भी हिंदू फॉलोअर हैं? यह दुखद है, लेकिन यही हिंदू उदार संस्कृति भी है।
उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि राहुल गांधी के पास इज्जत नहीं है वह 'कोट के ऊपर से जनेऊ' पहनते हैं इसलिए उनसे ऐसे ही विचार की ही अपेक्षा है, उनसे माफी मांगने की बात करने का मतलब भी नहीं है।
दुराग्रह से ग्रसित है राहुल का बयान- देवेन्द्रानंद सरस्वती
नैमिष पीठाधीश्वर देवेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि राहुल गांधी का यह बयान विक्षिप्त मानसिकता वाला है। दुराग्रह से ग्रसित है।
श्री सरस्वती ने कहा कि कहा हिंदू यदि हिंसक होता तो एक छोटे से भूखंड में नहीं रह पाता! हिंदू सदैव उदार संस्कृति का रहा है, उसके जैसा उदार कोई नहीं है। हिंदू जिस परिवेश में रहता है वह वसुधैव कुटुंबकम की बात करता है।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता, वह क्या कब बोलेंगे? क्या कब करेंगे? उनकी बातों का कोई मतलब नहीं है! ऐसी अभद्र भाषा को उचित नहीं समझता।
देश का दुर्भाग्य की राहुल जैसा व्यक्ति विपक्ष का नेता बना
देवेन्द्रानंद सरस्वती ने अफसोस जताते हुए कहा कि राहुल का संवैधानिक पद पर रहने के बावजूद ऐसा आचरण अत्यंत दुखद है। उन्होंने कहा की देश का दुर्भाग्य है कि ऐसा विपक्ष का नेता मिला है।
दया के पात्र हैं राहुल गांधी- उपेन्द्रानंद
नैमिष के प्रसिद्ध संत स्वामी उपेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि राहुल गांधी विचित्र व्यक्ति हैं, उनकी मानसिकता विक्षिप्त है, वह दया के पात्र हैं।
उन्होंने कहा कि हिंदू समाज से किसी को कभी क्षति नहीं हो सकती।.राहुल गांधी भ्रमित व्यक्ति है, हिंदू समाज पर टिप्पणी करना अत्यंत निंदनीय है।
कानूनी रूप से हिंसक बने हिंदू-गोपाल शास्त्री
नैमिषारण्य ललिता देवी पीठ एवं प्रसिद्ध काली पीठ के प्रमुख गोपाल शास्त्री ने अपनी प्रतिक्रिया में राहुल के बयान को दुःखद बताते हुए कहा कि यह हिंदू समाज के लिए आघात है। राहुल गांधी अन्य धर्म के खिलाफ कभी कुछ ऐसा नहीं बोलते? उन्हें हिंदू समाज ही हिंसक क्यों लगता है? हिंदू समाज कभी हिंसक नहीं रहा।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की वाणी पर सरस्वती बैठ जाए और हिंदू समाज को कानूनी रूप से हिंसक होना चाहिए, देश के प्रत्येक मठ-मंदिर, पुजारी इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने में आगे आएं।
गोपाल शास्त्री ने कहा कि हिंदू समाज सदैव दयावान रहा है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को ऐसी अभद्र भाषा शोभा नहीं देती, उनका बयान अक्षम्य है।
वहीं,सीतापुर नगर के राम जानकी मंदिर के प्रमुख धर्माचार्य आशीष शास्त्री ने राहुल गांधी के बयान पर नाराजगी जताते हुए कहा उन्होंने करोड़ों हिंदुओं की आत्मा पर वार किया है, विपक्ष नेता बनने के बाद उनका बयान बहुत ही बचकाना है। करोड़ो हिंदुओं से माफी मांगें। ऐसा बयान बहुत ही घिनौना है। देश के करोड़ों हिंदुओं की भावना से खेलना ठीक नहीं है।
सीतापुर के समाजसेवी रामेश्वर प्रसाद ने भी राहुल गांधी के इस बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि वह कई बार सांसद बन चुके हैं,लेकिन यह दुर्भाग्य है कि अभी वह परिपक्व नहीं हो पाए। उन्हें कब क्या और किस अवसर पर बोलना चाहिए उसका ज्ञान भी नहीं है।
श्री प्रसाद ने कहा हिंदू शब्द की परिभाषा राहुल गांधी को नहीं आती। उन्हें हिन्दू व हिन्दू संस्कृति को जानने के लिए पुस्तकों का सहारा लेना चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार/महेश शर्मा/राजेश
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