उप्र के नौ जिलों में अभियोजन विभाग का खुद का होगा कार्यालय

उप्र के नौ जिलों में अभियोजन विभाग का खुद का होगा कार्यालय
WhatsApp Channel Join Now
उप्र के नौ जिलों में अभियोजन विभाग का खुद का होगा कार्यालय


लखनऊ, 06 जनवरी (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अदालतों में प्रभावी पैरवी के माध्यम से अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजने में अहम भूमिका निभाने वाले अभियोजन विभाग को और ताकतवर करने जा रही है। इसके लिए योगी सरकार ने प्रदेश के नौ जिलों में अभियोजन विभाग को खुद के कार्यालयों में शिफ्ट किए जाने का निर्णय लिया है।

अभी तक अभियोजन विभाग के कार्यालय किराये या कलेक्ट्रेट के परिसर से संचालित हो रहे हैं। अपने स्वयं का कार्यालय होने से विभाग ज्यादा स्वतंत्रता और सुविधाओं के साथ अपनी भूमिका का निर्वहन करने में सक्षम हो सकेगा। मालूम हो कि योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत जहां एक ओर उप्र पुलिस अपराधियों पर नकेल कस रही है तो वहीं कोर्ट में प्रभावी पैरवी के माध्यम से अभियोजन विभाग अपराधियों को सजा दिलाने में महती भूमिका अदा कर रहा है। इससे प्रदेश में अपराधी बेदम हो रहे हैं।

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता का कहना है कि अभियोजन विभाग की सक्रियता का ही नतीजा है कि प्रदेश के विभिन्न न्यायालयों में प्रभावी पैरवी से पिछले तीन साल के अंदर तकरीबन 30 हजार से अधिक मामलों में अपराधियों को उनके गुनाहों की सजा दिलाने में सफलता मिल चुकी है।

विटनेस को ठहराने में होती थी समस्या

अपराधियों को न्यायालय में पैरवी के जरिये सजा दिलाने के लिए अभियोजन निदेशालय के तहत प्रदेश के सभी जिलों में अभियोजन कार्यालय संचालित किये जा रहे हैं, लेकिन ये कार्यालय ज्यादात्तर किराये की बिल्डिंग या कलेक्ट्रेट परिसर में संचालित हो रहे हैं। इसकी वजह से कभी-कभी विभाग को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। विभाग का अपना कार्यालय न होने से कभी-कभी केस के विटनेस को ठहराने में काफी समस्या होती है। यह समस्या तब और बढ़ जाती है जब किसी गंभीर मामले के विटनेस को ठहराने के साथ-साथ सुरक्षा भी मुहैया कराना होता है।

इसको लेकर विभाग के अधिकारियों ने एक उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी समस्या से अवगत कराया था। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्राथमिकता के आधार पर विभाग के अपने कार्यालय के लिए जिले चिन्हित करने के निर्देश दिये थे। इसके बाद विभाग की ओर से प्राथमिकता के आधार पर प्रदेश के नौ जिलों (चंदौली, चित्रकूट, संतकबीर नगर, महाराजगंज, ललितपुर, फिरोजाबाद, मुरादाबाद, सोनभद्र और बांदा) में विभाग के अपने कार्यालय संचालित करने का प्रस्ताव दिया था। इस पर मुख्यमंत्री ने हरी झंडी देते हुए भूमि चिन्हीकरण के निर्देश दिये। वर्तमान में विभाग की ओर से नौ जिलों में भूमि चिन्हीकरण की कार्रवाई की जा रही है। भूमि चिन्हित होने के बाद सरकार की ओर से मंजूरी मिलते ही कार्यालय खोलने की शुरुआत होगी। इसके बाद न सिर्फ प्रभावी पैरवी के लिए रणनीति बनाने में आसानी होगी, बल्कि कन्विक्शन रेट भी बढ़ने की संभावना है।

हिन्दुस्थान समाचार/ पीएन द्विवेदी/राजेश

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story