उप्र के स्कूलों में डिजिटल लर्निंग को प्रमोट करने के साथ ही की जाएगी मॉनिटरिंग

उप्र के स्कूलों में डिजिटल लर्निंग को प्रमोट करने के साथ ही की जाएगी मॉनिटरिंग
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उप्र के स्कूलों में डिजिटल लर्निंग को प्रमोट करने के साथ ही की जाएगी मॉनिटरिंग


लखनऊ, 14 नवम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को स्मार्ट बनने के लिए योगी सरकार ने परिषदीय विद्यालयों में डिजिटल अवस्थापना सुविधाओं के अंतर्गत टेबलेट, स्मार्ट क्लास सेटअप तथा आईसीटी लैब के माध्यम से उपलब्ध कराए जा रहे उपकरणों के उपयोग, रख-रखाव एवं कक्षा शिक्षण के संबंध में निर्देश जारी किए हैं। इसके माध्यम से प्रदेश के सभी परिषदीय विद्यालयों में डिजिटल लर्निंग को प्रमोट किया जाएगा एवं इसकी मॉनिटरिंग की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा डिजिटल माध्यमों से शैक्षणिक गतिविधियों को प्रभावी बनाए जाने के लिए प्राथमिकता पर तीन महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इनमें परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों के उपयोगार्थ 2,09,863 टेबलेट का वितरण, प्रथम चरण में 18,381 उच्च प्राथमिक, कम्पोजिट, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की स्थापना और प्रथम चरण में 880 विकास खण्ड में आईसीटी लैब की स्थापना शामिल है।

सुनिश्चित होगी डिजिटल संसाधनों की सुरक्षा एवं संरक्षा

महानिदेशक, स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद की ओर से जारी किए गए एसओपी के अनुसार डिजिटल संसाधनों की सुरक्षा, संरक्षा के साथ ही शिक्षण अधिगम प्रक्रिया के माध्यम से विभिन्न निर्देशों का पालन करना है। मसलन, कैसे प्रभावी एवं रुचिकर शिक्षण गतिविधि तथा प्रोजेक्ट आधारित शिक्षण, शिक्षक प्रशिक्षण, लेसन प्लान, बेस्ट प्रैक्टिसेज के माध्यम से कक्षा - कक्ष का रूपान्तरण किया जा सके। कैसे बच्चों को प्रैक्टिस के अधिक अवसर उपलब्ध कराते हुए एडाप्टिव एवं पर्सनलाइज्ड लर्निंग कराई जा सके। कैसे पूरी शिक्षा प्रणाली को आउटकम आधारित बनाते हुए एक नई कार्य संस्कृति का सृजन करते हुए बच्चों को अवसर की समता के सशक्त उपकरण उपलब्ध कराए जा सकें। कैसे एडमिनिस्ट्रेटिव टास्क को एफिशिएंटली एवं इफेक्टिवली समयबद्ध रूप से पूर्ण किया जा सके।

उपलब्ध कराई जाएगी उत्कृष्ट शैक्षणिक सामग्री

इन डिजिटल संसाधनों के द्वारा विभिन्न प्लेटफार्म (दीक्षा, स्विफ्ट चौट, खान एकेडमी, एमबाइब आदि) एवं ख्याति प्राप्त संस्थाओं जैसे प्प्ज् गांधीनगर के माध्यम से उत्कृष्ट शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। इसके संबंध में समस्त हितधारकों को समय-समय पर ऑनलाइन एवं ऑफलाइन माध्यम से प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा तथा यूजर मैनुअल भी उपलब्ध कराए जाएंगे। इस कार्य में व्यक्तिगत ध्यान एवम प्रभावी पर्यवेक्षण, अनुश्रवण अत्यावश्यक है। विभाग स्तर से शिक्षकों के उपयोगार्थ महत्वपूर्ण डाटा इनसाइट्स भी समय-समय पर उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे कि लक्षित हस्तक्षेप सुनिश्चित किया जा सके।

हिन्दुस्थान समाचार/पीएन द्विवेदी/राजेश

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