भारत ही नही विदेशों में भी जातिवाद की समस्या: प्रो. राजीव

भारत ही नही विदेशों में भी जातिवाद की समस्या: प्रो. राजीव
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भारत ही नही विदेशों में भी जातिवाद की समस्या: प्रो. राजीव


वाराणसी, 02 दिसम्बर (हि.स.)। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय, महेंद्रगढ़ के प्रो. राजीव कुमार सिंह ने कहा कि जातिवाद की समस्या सिर्फ भारत तक सीमित नही है, विदेशों में भी यह विषय रहा है। पुर्तगाल और स्पेन में भी जाति जैसे शब्द चलन में मिलते है। प्रो. सिंह ने कहा कि वैश्वीकरण ने भारत से जाति आधारित पहचान को खत्म करने में बड़ी भूमिका निभाई है।

प्रो.राजीव शनिवार को डीएवी पीजी कॉलेज के समाजशास्त्र विभाग के तत्वावधान में आयोजित विशिष्ट व्याख्यान 'भारत मे जाति की बदलती गतिशीलता: राजनीति एवं सामाजिक परिप्रेक्ष्य में'को सम्बोधित कर रहे थे। बतौर मुख्य वक्ता प्रो. सिंह ने कहा कि देश में सर्वाधिक अनुसूचित जाति की आबादी पंजाब में है। लेकिन एक भी बड़ा जातीय आंदोलन नही दिखलाई पड़ता है। पंजाब में 1995 के बाद दलित मिलेनियर शब्द भी ज्यादा चलन में आया है, जिसे वैश्वीकरण के प्रभाव में ही देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारतीय संदर्भ में समाजशास्त्र को समझना है तो सबसे पहले जाति, धर्म और वर्ग को समझना होगा। इन तीनों का आपस मे गूढ़ संबंध है और यही भारत की राजनीतिक और सामाजिक स्थितियों को प्रभावित करते है।

व्याख्यान की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष प्रो. मधु सिसोदिया ने किया। स्वागत डॉ. ज्याउद्दीन, संचालन डॉ. सूर्य प्रकाश पाठक एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. हसन बानो ने दिया।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/बृजनंदन

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