मिशन वात्सल्य व मिशन शक्ति योजना को धरातल पर सशक्त करना प्राथमिकता: निदेशक संदीप कौर

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मिशन वात्सल्य व मिशन शक्ति योजना को धरातल पर सशक्त करना प्राथमिकता: निदेशक संदीप कौर


मंडल स्तरीय कार्यशाला में विभागों, स्वैच्छिक संस्थाओं व गैर सरकारी संगठनों के मध्य सहयोग पर जोर

वाराणसी, 28 अक्टूबर (हि.स.)। महिलाओं एवं बच्चों को सुरक्षा, संरक्षण और आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से भारत सरकार की पहल पर ‘मिशन वात्सल्य’ एवं ‘मिशन शक्ति’ योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए शनिवार को मंडलीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यशाला में महिला एवं बाल विकास विभाग उत्तर प्रदेश की निदेशक संदीप कौर ने बताया कि प्रदेश के समस्त जनपदों की आवश्यकताओं को देखते हुये मंडल स्तर पर बच्चों व महिलाओं की विभिन्न श्रेणियों के संबंधित गृहों के संचालन की योजना बनाई गई है। साथ ही गैर संस्थागत देखरेख को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिये हैं। जिसमें जरूरतमंद बच्चों को 4000 रुपये प्रतिमाह दिये जाने का प्रावधान है। सरकार ने महिलाओं एवं बच्चों को सुरक्षा, संरक्षण और सशक्त बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू किया है पर इन्हें धरातल पर सशक्त करना हमारा काम है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सभी जनपदों में ‘डिस्ट्रिक्ट हब फॉर वूमेन’ की पहल शुरू की गई है। कार्यशाला में मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने कहा कि मिशन शक्ति व मिशन वात्सल्य योजना के प्रति संवेदनशील होने के लिए वाराणसी सहित प्रदेश के सभी 18 मंडलों में महिला एवं बाल विकास विभाग कार्यशाला आयोजित कर रही है। इसका मुख्य उद्देश्य मंडल एवं जनपद स्तर पर कार्यरत पुलिस, शिक्षा, स्वास्थ्य, समेत विभिन्न विभागों के अधिकारियों व कार्मिकों के बीच मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति योजनाओं के क्रियान्वयन पर समझ विकसित करना तथा विभागों के मध्य कन्वर्जेंस को बढ़ावा देना है।

जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने कहा कि इस तरह की कार्यशाला के आयोजन से एक ही प्लेटफॉर्म पर महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार आदि जरूरतमन्द पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों व अनाथ बच्चों के अधिकारों, स्पॉन्सरशिप, पति की मृत्यु उपरांत निराश्रित पेंशन, कन्या सुमंगला योजना, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना आदि के बारे में समुदाय के साथ- साथ जिला प्रशासन व विभिन्न विभागों के अधिकारियों को जागरूक रहने की आवश्यकता है।

उपनिदेशक महिला कल्याण सुधाकर शरण पाण्डेय ने कार्यशाला के उद्देश्य के बारे में बताया। कार्यशाला में राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय लखनऊ के एसोसिएट प्रो. डॉ के.ए. पाण्डेय, आली संस्था लखनऊ की निदेशक व एडवोकेट रेनू मिश्रा ने बच्चों व महिलाओं से संबन्धित क़ानूनों को बताया।

कार्यशाला में वाराणसी मंडल जनपदों के मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल (वाराणसी), सलीम साई तेजा (जौनपुर), एसएन श्रीवास्तव (चंदौली), संतोष कुमार वैश्य (गाजीपुर), महिला कल्याण विभाग के उप निदेशक प्रवीन कुमार त्रिपाठी एवं पुनीत मिश्रा आदि भी मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/आकाश

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