कुम्भ मेलाधिकारी की पहल पर मेला क्षेत्र को प्लास्टिक मुक्त करने की तैयारी
-ओम नमः शिवाय व शिव सेना की प्रदेश सचिव का सराहनीय कदम
-बड़ी संख्या में मुसहर, कुम्हार 22 अगस्त को ओम नमः शिवाय आश्रम में तैयारियों को लेकर होंगे एकत्रित
प्रयागराज, 18 अगस्त (हि.स.)। महाकुम्भ मेला को प्लास्टिक मुक्त कराने का मेलाधिकारी विजय किरन आनंद की पहल पर व्यापक स्तर पर काम शुरू हो गया है। महाकुम्भ के दौरान संस्थाओं में श्रद्धालुओं और स्नानार्थियों को पानी, प्रसाद और खाना अब पत्तल, दोना और कुल्हड़ में मिलेगा। इसकी व्यापक स्तर पर तैयारियां शुरू हो गयी है।
गऊ घाट स्थित ओम नमः शिवाय आश्रम में 22 अगस्त को शिव सेना की प्रदेश सचिव रूचि अभिषेक तिवारी बड़ी संख्या में मुसहर और कुम्हार लोगों को एकत्रित कर रही हैं जो महाकुम्भ के दौरान पानी पीने के लिए पर्याप्त कुल्हड़ और दोना, पत्तल की आपूर्ति संस्थाओं को करेंगे। जिससे मेला क्षेत्र साफ, सुथरा और प्रदूषण मुक्त रहे।
मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि मेला में शिविर लगाने वाली सभी संस्थाओं से अभी से बार-बार आग्रह किया जा रहा है कि वह मेला क्षेत्र को साफ-सुथरा और प्रदूषण मुक्त रखें। वह प्लास्टिक के उत्पादों का प्रयोग न करें। उन्होंने बताया कि इसमें सबसे ज्यादा हानिकारक प्लास्टिक का दोना, पत्तल, गिलास और पालीथीन है। इसका प्रयोग कोई न करें, बल्कि दोना, पत्तल और कुल्हड़ का प्रयोग करें जिससे लोगों को रोजगार मिले और मेला क्षेत्र प्रदूषण मुक्त रहेगा।
शिव सेना की प्रदेश सचिव रूचि अभिषेक तिवारी ने बताया कि मेलाधिकारी की सराहनीय पहल है कि विश्व के सबसे बड़े मेला महाकुम्भ को प्रदूषण मुक्त रखा जाए। इसके लिए क्षेत्र के बड़ी संख्या में मुसहर और कुम्हार दोना, पत्तल और कुल्हड़ बनाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने बताया कि उनको डर यही रहता है कि उनके सामान को कौन खरीदेगा। अगर कोई नहीं खरीदेगा तो उनका श्रम और सामान खराब होगा। इसके लिए मेला में सबसे बड़ा अन्नक्षेत्र चलाने वाली संस्था ओम नमः शिवाय आगे आया है। जिसके लिए 22 अगस्त को बड़ी संख्या में मुसहर और कुम्हार एकत्र होकर आगे की रणनीति तैयार करेंगे।
शिव सेना की प्रदेश सचिव ने बताया कि प्रयागराज के अतिरिक्त बांदा, चित्रकूट, मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी, जौनपुर, सुल्तानपुर, अमेठी, प्रतापगढ़, कौशाम्बी, फतेहपुर सहित अन्य जिलों के मुसहर और कुम्हार को एकत्र कर उनके अधिक से अधिक उत्पादन के बिक्री की रणनीति तैयार की जाएगी। बता दें कि, रुचि तिवारी मेजा के जेवनियां की ग्राम प्रधान रहते हुए मुसहरों के लिए आवास सहित अन्य विकास योजनाओं का लाभ दिलाया था। जिसके लिए डीएम ने सम्मानित किया था।
ओम नमः शिवाय के गुरुदेव का कहना है कि संस्था के लोग श्रद्धालुओं और स्नानार्थियों को खाना स्टील की थाली में खिलाते हैं। इस बार मेलाधिकारी की पहल प्रशंसनीय है कि प्लास्टिक के बैन से महाकुम्भ का क्षेत्र प्रदूषण मुक्त होगा तो दूसरी ओर दोना, पत्तल और कुल्हड़ के प्रयोग से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। गुरुदेव ने कहा कि ऐसे में करोड़ों दोना, पत्तल और कुल्हड़ की जरूरत संस्था को है जो मुसहर और कुम्हार से सीधे खरीदेंगे। गुरुदेव ने बताया कि महाकुम्भ मेला अधिकारियों से वार्ता चल रही है कि वह सभी सेक्टर में विशाल अन्नक्षेत्र चलाने के लिए जमीन दें, जिससे श्रद्धालुओं और स्नानार्थियों को नाश्ता, खाना की समस्या न होने पाएं।
हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र / राजेश
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