क्रिसमस पर गिरिजाघरों में की गई प्रार्थना, सेंटा क्लाज रहे आकर्षण
कानपुर, 25 दिसम्बर (हि.स.)। देश भर में रविवार को क्रिसमस का पर्व मनाया जा रहा है और कानपुर शहर में भी सुबह से ही मसीह समाज के लोग आराधना के लिए गिरिजाघरों पर पहुंच गए। क्रिसमस के खास मौके को लेकर चर्चों को बहुत ही सुंदरता से सजाया गया है और सबसे पहले गिरिजाघरों में यीशु के समक्ष प्रार्थना की गई। इस दौरान सेंटा क्लाज आकर्षण का केन्द्र रहे।
परेड स्थित 103 वर्ष पुराना एल एल जे एम मैथोडिस्ट चर्च में सुबह क्रिसमस की आराधना चर्च के प्रीस्ट जेजे औलीवर के द्वारा शुरू की गई। इस दौरान काफी संख्या में मसीह समाज के लोगों ने बच्चों के साथ चर्च पहुंचकर यीशु के जन्मदिवस पर आराधना की। सुबह से ही क्रिसमस के पर्व के अवसर पर अपने परिवार के साथ पहुंचे नन्हे मुन्ने बच्चों ने भी क्रिसमस पर जमकर लुत्फ उठाया। सबसे पहले सुबह की आराधना में अपने परिवार के साथ यीशु के समक्ष प्रार्थना की। उत्साह में ‘जिंगल बेल, जिंगल बेल’ जैसे गीत गाए गए। इनमें ‘आया है, आया है मुकत ले साथ आया है’ और ‘ए बेहतलेम के छोटे कस्बे, तुझे खामोशी पे सोते देखा’ जैसे गीतों से माहौल में उत्साह भरा गया। इसी तरह ‘चरनी में पैदा हुआ तारनहारा’ और ‘शोर दुनिया में यह हो गया, आज पैदा मसीह हो गया’ जैसे गीत प्रमुख रहे।
इस दौरान बच्चों ने क्रिसमस के त्योहार का मजा दोगुना बढ़ा दिया। कोई सेंटा क्लाज बना हुआ था तो कोई मैजिशियन। नए नए कपड़ों में इन बच्चों को सेंटा ने उपहार बांटे, जिन्हें पाकर बच्चे खुशी से झूम उठे। चर्च के हाल में युवतियों ने जमकर सेल्फियां ली और एक दूसरे से गले मिलकर क्रिसमस की बधाइयां दी। दर्शनार्थी एलीशा ने बताया कि साल भर इस दिन का इंतजार रहता है और यह दिन दुनिया भर के लिए खास है।
बड़ा बनने के लिए बनना होगा छोटा
चर्च में दिए गए संदेशों में अहंकार को त्यागने की भी सीख दी गई। गुबा गार्डन स्थित चर्च में बिशप पंकज राज मलिक ने संदेश दिया कि यदि इंसान को बड़ा बनना है तो पहले उसे छोटा बनना सीखना होगा। अहंकार को त्यागकर ही सफलता हासिल की जा सकती है।
हिन्दुस्थान समाचार/अजय/मोहित
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