प्रयागराज: भ्रमित न हो गठिया से पीड़ित रोगी, सबसे नजदीकी चिकित्सक से कराए ऑपरेशन

अब तक के रिसर्च में आया है कि 95 प्रतिशत कामयाब हुए हैं घुटने का ऑपरेशन
प्रयागराज, 07 मार्च (हि.स.)। बढ़ती स्वास्थ्य सुविधाओं और पोषण के कारण मनुष्य की औसत आयु के साथ ही अधिक उम्र में होने वाली बीमारियों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। इन बीमारियों में गठिया भी एक रोग है। लेकिन इस रोग को लेकर कई भ्रांतियों की वजह से मरीज ऑपरेशन कराने से भयभीत हो रहें है। हालांकि ऐसा नहीं है। घुटने के ऑपरेशन के लिए आवश्यक है कि शहर में ही ऑपरेशन कराना चाहिए। देश के सभी जनपदों में नई तकनीकी के साथ घुटने के ऑपरेशन की सुविधा उपलब्ध है। यह जानकारी शुक्रवार को प्रयागराज के वरिष्ठ ऑर्थो एवं जोड़ प्रत्यारोपण सर्जन डॉ. संजीव पाण्डेय ने दी।
उन्होंने बताया कि विशेष तौर पर जो ग्रेड 4 का गठिया है, जिसमें जोड़ खराब हो चुका है, पैर घुटने से झुक गये हैं और खड़े होते ही दर्द शुरू हो जाता है। जिसकी वजह से इस रोग से पीड़ित लोगों का चलना फिरना बंद होने लगता है। इसके साथ ही धीरे—धीरे रोगी अपंगता की तरफ बढ़ने लगता है। इसका मुख्य कारण लम्बे समय तक न चल पाने से मोटापा, शुगर, बीपी आदि की परेशानियां होने लगती है।
डॉ. संजीव पांडेय ने बताया कि घुटने के दर्द की वजह से न चल पाने के कारण समाज और परिवार से कट जाता है और मानसिक रूप से परेशान होता है। कभी कभी लगातार दर्द निवारक दवा का सेवन करने से अन्य अंगों की बीमारी भी हो जाती है। ऐसी स्थिति में बाहर जाने की अब आवश्यकता नहीं है। देश के लगभग हर शहर में उपचार उपलब्ध है, वह भी नई तकनीक से उचित सावधानी एवं देखभाल के साथ, घुटने का प्रत्यारोपण बहुत सहायक साबित हो रहा है।
जाने घुटने के ऑपरेशन के बाद नहीं आएगी कोई समस्या
डॉ. पांडेय ने बताया कि अब हाई फ्लेक्सन नी का प्रयोग किया जाता है, जिसमें नीचे बैठ सकते हैं। लेकिन नीचे बैठना इस लिए मना किया जाता है कि इम्प्लांट घिसे कम और उसकी लाइफ और अधिक बढ़ जाए।
पूरा मुड़ेगा कि नहीं : डॉ. पांडेय ने बताया कि घुटना के प्रत्यारोपण के बाद घुटना पूरा मुड़ता है। यहाँ तक कि ऑपरेशन के अगले दिन ही 90 डिग्री तक मुड़ने लगता है। ऑपरेशन के बाद अगले दिन ही मरीज को खड़ा कर दिया जाता है और वाकर के साथ चलना शुरू कर देते हैं।
कितने दिन तक कृत्रिम घुटना चलता है: डॉ. पांडेय ने बताया कि अच्छे इंप्लांट की आयु 25 से 30 वर्ष तक हो सकती है। यदि सही समय और ऑपरेशन के बाद लगातार निर्धारित समय तक चिकित्सक से सम्पर्क बनाए रखें और उनको दिखाते रहें, ताकि कोई समस्या आए तो उसका समय से उपचार किया जा सके।
इस मौके पर ए.एम.ए. सचिव डॉ. आशुतोष गुप्ता, वित्त सचिव डॉ. सुभाष वर्मा, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. कमल सिंह, डॉ. अशोक मिश्रा आदि चिकित्सक मौजूद रहें।
हिन्दुस्थान समाचार / रामबहादुर पाल