याददाश्त तेज करता है प्राणायाम, बच्चों में बढ़ती है एकाग्रता
- दो दिवसीय निःशुल्क बाल योग संस्कार शिविर का समापन
मीरजापुर, 05 मार्च (हि.स.)। केवल एक बार ओमकार का उच्चारण करने से मनुष्य के शरीर में एक लाख ग्यारह हजार कुछ बार घर्षण होता है। इससे बड़े से बड़े रोग एवं व्याधियों के दूर होने के साथ ही बच्चों की एकाग्रता बढ़ती है और उनकी चंचलता कम होती है।
नगर के कजराहवा पोखरा स्थित सेंट जोसेफ स्कूल में पतंजलि युवा भारत एवं विंध्य योग सेवा धाम के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय निःशुल्क बाल योग शिक्षा एवं संस्कार शिविर का मंगलवार को समापन के दौरान राष्ट्रीय योगासन जज योग गुरु जोगी ज्वाला सिंह ने यह बातें कहीं।
इस अवसर पर तीन वर्ष से लेकर के 18 वर्ष तक आयु के बच्चों को उन्होंने खेल-खेल में योग का अभ्यास कराते हुए बटर फ्लाई, सुखासन वज्रासन के साथ भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास कराया। बताया कि भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास करने से आपकी याददाश्त तेज हो जाएगी और प्राणायाम चंचलताओं को कम कर मनुष्य की मस्तिष्क को पूर्ण स्वास्थ्य प्रदान करता है।
डिस्ट्रिक्ट योगासन स्पोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अमन सिंह यादव ने कहा कि भारत सरकार ने योगासन एवं खेल को बढ़ावा देते हुए इसे खेल में शामिल कर युवाओं को योगासन खेल के माध्यम से देश को दशा एवं दिशा देने के सराहनीय कार्य किया है।
विंध्य योग सेवा धाम की मुख्य महिला केंद्रीय प्रभारी संगीता व्यास ने कहा कि बाल योगियों को शुरू से ही योग एवं आध्यात्म से भी जोड़ना होगा तभी ये अपने भाग्य के निर्माता के साथ ही भारत के भाग्य विधाता बन सकते हैं। कार्यक्रम का संचालन पतंजलि युवा भारत के जिला प्रभारी प्रवीण आर्य ने किया।
हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/मोहित
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