छात्रा बहन के साथ जघन्य घटना का राजनीतिकरण करना दुर्भाग्यपूर्णः अभाविप

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छात्रा बहन के साथ जघन्य घटना का राजनीतिकरण करना दुर्भाग्यपूर्णः अभाविप


- कांग्रेस नेताओं के पोषित गुंडे समाज के लिए खतरा : अभाविप

- बीएचयू से लेकर इविवि तक कांग्रेस अध्यक्ष कुत्सित राजनीति से बदनाम करने का कर रहे प्रयास

प्रयागराज, 04 नवम्बर (हि.स.)। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में छात्रा से छेड़छाड़ के दुर्भाग्यपूर्ण मामले में कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय द्वारा की गई निम्न स्तरीय बयानबाजी तथा तथ्यहीन टिप्पणी एक और आगे कदम बढ़ते हुए इलाहाबाद विश्वविद्यालय के एक पुराने छात्र आंदोलन पर दुर्भाग्यपूर्ण टिप्पणी तक पहुंच गई है। यह अत्यंत शर्मनाक है कि कांग्रेस अध्यक्ष छात्रों के मुद्दों की गम्भीरता को समझने की बजाय अपनी सस्ती राजनीति द्वारा भड़काने तथा न्याय प्रक्रिया को प्रभावित कर रहे हैं।

अभाविप के प्रांत मीडिया संयोजक, काशी प्रांत अभिनव मिश्र ने बताया है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय में 11 जुलाई, 2023 को आशुतोष दुबे छात्र मेडिकल सुरक्षा न मिलने व इविवि प्रशासन की लापरवाही के कारण उसकी छात्रसंघ भवन पर अचानक तबियत बिगड़ने से मृत्यु हो गई। इसके बाद विश्वविद्यालय में समाजवादी छात्रसभा व एनएसयूआई छात्र नेताओं ने तोड़-फोड़ तथा हाथापाई की। जिसकी तहरीर 13 जुलाई, 2023 को दी गई। इसमें 6 नामजद तथा एक अज्ञात विभिन्न धाराओं में मुकदमा हुआ। जिसमें अभाविप के अतेंद्र सिंह का नाम नहीं था।

अभाविप के कार्यकर्ता अतेंद्र सिंह ने छात्र की मृत्यु पर न्याय की मांग को लेकर आंदोलन किया। जिसे रोकने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने घटना के आठ दिन बाद 21 जुलाई को अभाविप कार्यकर्ता अतेंद्र सिंह का नाम साजिशन जोड़ा, जिससे उन्हें आंदोलन करने से रोका जा सके। अगले दिन फिर से अतेंद्र सिंह सहित एबीवीपी कार्यकर्ताओं के साथ विश्वविद्यालय परिसर में आंदोलित हुए। यह देख विश्वविद्यालय प्रशासन ने पुनः 24 जुलाई को एक प्राथमिकी दर्ज कराई। अभाविप कार्यकर्ता अतेंद्र सिंह द्वारा पुनः छात्रहितों पर आंदोलन करने पर इविवि प्रशासन द्वारा उन पर मुकदमा दर्ज कराया गया।

अभिनव मिश्र का कहना है कि इस तरह से विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा मनमाने पूर्ण रवैए के चलते साजिशन अतेंद्र सिंह पर मुकदमा किया गया। यदि अतेंद्र सिंह पूर्व में ही इस घटना में संलिप्त होते तो अगले दिन इविवि प्रशासन द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी में भी उनका नाम सम्मिलित होता। घटना के दिन ही विश्वविद्यालय की पीआरओ द्वारा बताया गया था कि अजय यादव सम्राट जो कि समाजवादी छात्रसभा के नेता हैं उनके नेतृत्व में तोड़-फोड़ की। उसमें अभाविप के अतेंद्र सिंह का नाम कहीं सम्मिलित नहीं था।

प्रांत मीडिया संयोजक ने कहा कि पुलिस द्वारा बीएचयू प्रकरण की निष्पक्ष जांच की जाए इसके लिए अभाविप के कार्यकर्ता अन्य छात्रों के साथ बीएचयू परिसर में निरंतर आंदोलनरत हैं। आज इस प्रकरण में पुलिस ने एक दोषी को पकड़ा है तथा इसकी जांच करने में जुटी है। वहीं, कांग्रेसी नेता इस संवेदनशील मामले का राजनीतिकरण करने में लगे हुए हैं। जिस तरह अन्य कांग्रेस शासित प्रदेशों में कांग्रेस के नेता वहां गुंडों को पालते हैं तथा ऐसे महिला विरोधी कृत्यों को बढ़ावा दिलवाते हैं, वही प्रयत्न उत्तर प्रदेश कांग्रेस नेता भी यहां करने के प्रयास में हैं। अभाविप द्वारा इस प्रकरण में पूर्व में ही लंका थाना में प्राथमिकी दर्ज करा दी गई है, कांग्रेस द्वारा फैलाए जा रहे प्रत्येक झूठ का जवाब एबीवीपी देगी।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/मोहित

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