अन्नपूर्णा मंदिर में पहुंचे पुलिस अफसर, धनतेरस पर उमड़ने वाली भीड़ की सुरक्षा को लेकर मंथन
वाराणसी, 06 नवम्बर (हि.स.)। धनतेरस पर्व पर स्वर्णमयी अन्नपूर्णा के विग्रह के दर्शन की तैयारियां अन्नपूर्णा मंदिर में युद्धस्तर पर चल रही है। माता के दरबार में उमड़ने वाली लाखों की भीड़ के प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस अफसर सोमवार को मंदिर में पहुंचे। एडिशनल सीपी, डीसीपी काशी जोन, एसीपी दशाश्वमेध ने मंदिर में महंत शंकर पुरी से भीड़ और दर्शन-पूजन की व्यवस्थाओं के बारे में पूरी जानकारी ली। इसके बाद मंदिर में बने कंट्रोल रूम को देखा व प्रबंधन के लोगों के साथ विमर्श कर मातहत अफसरों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया। अधिकारियों ने अन्नपूर्णा मंदिर में प्रवेश व निकास द्वार को देखा। प्रतिवर्ष मंदिर में लगाई जाने वाली अस्थायी सीढियों को देखा और उसके बारे में भी जानकारी ली।
गौरतलब हो कि धनतेरस पर्व 10 नवम्बर से शुरू होने वाले पांच दिवसीय स्वर्णमयी माता अन्नपूर्णा का दर्शन भोर से शुरू होगा। मंदिर के महंत शंकर पुरी भोर में साढ़े तीन बजे मां को पंचामृत स्नान कराने के बाद विशेष झांकी सजाते हैं। महाआरती के बाद भक्तों के दर्शन के लिए सुबह पांच बजे माता का दरबार खोल दिया जाता है। मान्यता है कि काशी नगरी के पालन-पोषण के लिए देवाधिदेव महादेव भी मां की कृपा पर ही आश्रित हैं। अन्नदात्री मां की ममतामयी छवियुक्त ठोस स्वर्ण प्रतिमा कमलासन पर विराजमान और रजत शिल्प में ढले भगवान शिव की झोली में अन्नदान की मुद्रा में है। दायीं ओर मां लक्ष्मी और बायीं तरफ भूदेवी का स्वर्ण विग्रह है। इस दरबार के दर्शन वर्ष में सिर्फ चार दिन धनतेरस से अन्नकूट तक ही होते हैं लेकिन इस बार भक्तों को माता रानी के विग्रह का पांच दिन तक दर्शन मिलेगा। इसमें पहले दिन धान का लावा, बताशा के साथ मां के खजाने का सिक्का प्रसादस्वरूप वितरित किए जाने की परंपरा है। माता रानी का प्रसाद रूपी खजाना पाने के लिए देश-विदेश से आस्थावानों का रेला उमड़ता है। मंदिर में 10 नवम्बर से 14 नवम्बर अन्नकूट तक श्रद्धालुओं को स्वर्णमयी अन्नपूर्णा के विग्रह का दर्शन मिलेगा।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/आकाश
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