आलू विकास बोर्ड की स्थापना को आलू विपणन संघ के निदेशक ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा

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आलू विकास बोर्ड की स्थापना को आलू विपणन संघ के निदेशक ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा


फर्रुखाबाद,6 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की आलू मंडी फर्रुखाबाद जनपद में आलू पर छाई मंदी की वजह से किसानों की लागत नहीं निकल रही है। किसानों का हित देखते हुए आलू को मिड डे मील में शामिल किया जाए। यह मांग आलू विपणन संघ के निदेशक अशोक कटियार ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर की।

उन्होंने मुख्यमंत्री को शनिवार काे लिखे पत्र में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश के 2207 शीतगृहों में लगभग 195 लाख मीट्रिक टन आलू भण्डारण होता है। इस साल आलू के रेट अत्यधिक कम है, जिससे किसानों की लागत भी नहीं निकल पा रही है। आलू किसानों के हित में राहत के लिए उचित कदम उठाया जाना अति आवश्यक है। आलू विकास बोर्ड की स्थापना की जाए। आलू को प्राथमिक विद्यालयों में मिड डे मील कार्यक्रम में शामिल किया जाए। शीतगृहों में भण्डारित आलू को सरकारी राशन की दुकानों से इस आलू का वितरण कराया जाए। आलू पर मण्डी टैक्स समाप्त किया जाए।

आलू के चिपसोना, हालैण्ड, 37-97/श्रीनाथ आदि अच्छी गुणवत्ता वाले आलू बीज पर्याप्त मात्रा में किसानों को उपलब्ध कराने की ठोस नीति बनायी जाए। आलू भण्डारण शुल्क पर किसानों को अनुदान दिया जाए। फर्रुखाबाद, कानपुर, आगरा, मेरठ, कन्नौज आदि से आलू, नेपाल, श्रीलंका, बांगलादेश, निर्यात करने के लिये आवश्यक प्रमाण पत्र फाइटो जिनेट्री लैव (रोग मुक्त) की स्थापना की जाए। आलू आधारित उद्योगों को

फर्रुखाबाद, आगरा, सिरसागंज, कन्नौज, कानपुर, लखनऊ, मेरठ, मथुरा, हाथरस, बुलन्दशहर आदि जनपदों में प्रोत्साहन दिया जाए। उत्तर प्रदेश शासन में कानपुर के अरौल में प्रस्तावित सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस पार्क पोटैटो की स्थापना की जाए। शीतगृहों को कृषि उपज आलू भण्डारित करने के आधार पर सस्ती दरों पर विद्युत आपूर्ति करने पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाए। शीतगृहों से हर वर्ष सैकड़ों ट्राली सड़ा, कटा, हरा, छर्री व मलवा बाहर सड़कों पर फेंका जाता है, शीतगृह कैम्पस में नेडप कम्पोस्ट यूनिट लगवाने की नीति बनायी जाए, जैविक खाद बनने से आम जनमानस को प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी और कृषि भूमि के स्वास्थ्य में भी सुधार होगा तथा अतिरिक्त आय भी प्राप्त होगी।

प्रायाैगिक तौर पर कुछ शीतगृहों में आलू से चिप्स, पाउडर, एल्कोहल, स्टार्च आदि के बनाने कारखाने भी उसी कैम्पस में संचालित किया जाये।

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हिन्दुस्थान समाचार / Chandrapal Singh Sengar

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