भदोही में प्रधानमंत्री मोदी की रैली बनाएगी जीत का हैट्रिक
भदोही, फूलपुर, मिर्जापुर और जौनपुर की सियासत को साधेगें मोदी
भदोही, 15 मई (हि.स.)। पूर्वांचल में मौसम के साथ अब चुनावी तपिश बढ़ने लगी है। राजनीतिक दलों के दिग्गज एवं स्टार प्रचारक इधर का रुख करने लगे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 मई को भदोही आ रहे हैं। वह पूर्वांचल की भदोही, प्रयागराज, मिर्जापुर और जौनपुर लोकसभा सीटों को साधेगें। लेकिन बदले सियासी हालत में भदोही सबसे अहम सीट बन गई है। यहां मुकाबला त्रिकोणीय है। भदोही का निर्माण वाराणसी से विभाजन के बाद हुआ है। जबकि वाराणसी मोदी का संसदीय क्षेत्र है। भदोही में 25 मई को वोट डाले जाएंगे। इसलिए भदोही सियासी लिहाज से अहम हो गई है।
पूर्वांचल की सबसे अहम सीटों में भदोही भी शामिल है, लेकिन इस बार यहां का सियासी माहौल 2014 और 2019 जैसा नहीं है। टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी के बरिष्ठ नेताओं में असंतोष है। यह दीगर बात है की कोई कुछ कहने को तैयार नहीं है। पार्टी ने जहां जातिय समीकरण फिट करने के लिए मौजूदा सांसद रमेश बिंद का टिकट काट कर चंदौली के डॉ. विनोद बिंद को उम्मीदवार बनाया। इससे भी रमेश बिंद नाराज दिखे। क्योंकि पार्टी में रमेश बिंद को लेकर नाराजगी थी लिहाजा उनका टिकट काट दिया गया। टिकट कटने से नाराज रमेश बिंद समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिए और उन्हें अखिलेश यादव ने मिर्जापुर से केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के सामने उतार दिया। लिहाजा रमेश बिंद के जो समर्थक भदोही में हैं, उनके भीतर नाराजगी होगी जिसका असर चुनाव में दिखेगा या नहीं यह तो वक्त बताएगा क्योंकि भाजपा उम्मीदवार डॉ विनोद भी बिंद समुदाय से आते हैं।
काशी-प्रयाग के मध्य स्थिति होने भदोही की अपनी अलग सियासी अहमियत है। यहीं कारण है की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार भदोही आ रहे हैं। हर चुनाव में वे सियासी फ़िजा को बनाने आते हैं। अब इस बदले हालात में मोदी का करिश्मा कितना कामयाब होता है यह देखना होगा। भदोही में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला है लेकिन सीधा मुकाबला फिलहाल भाजपा-निषाद गठबंधन के उम्मीदवार डॉ विनोद बिंद, इण्डिया गठबंधन के ललितेशपति त्रिपाठी से है। लेकिन बहुजन समाज पार्टी के हरिशंकर चौहान उर्फ़ दादा को कमतर आंकना सियासी दलों की बड़ी भूल होगी। क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा उम्मीदवार एवं पूर्वमंत्री पंडित रंगनाथ मिश्र यहां दूसरे स्थान पर रहे हैं। इसलिए भदोही में त्रिकोणीय मुकाबले से इनकार नहीं किया जा सकता है। यहाँ सबसे अधिक ब्राह्मण, बिंद, मुस्लिम, दलित, यादव, वैश्य ठाकुर, पाल, मौर्या और दूसरे मतदाता शामिल है। चुनाव की करवट ब्राह्मण मतदाताओं के हाथ में है। जिस तरफ वह घूम गया उधर परिणाम प्रभावित कर सकता है। इस बार ब्राह्मणों की उपेक्षा का असर सोशल मीडिया पर तीखा दिख रहा है अब जमीन पर कितना कामयाब होगा यह देखना होगा।
प्रधानमंत्री की रैली लिखेगी जीत का इतिहास
भदोही की ज्ञानपुर विधानसभा से निषाद पार्टी के विधायक विपुल दुबे का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम को लेकर सारी तैयारियां पूरी हो रही हैं। प्रधानमंत्री की जनसभा से भदोही का सियासी माहौल और अधिक मजबूत होगा। यहां से भाजपा- निषाद गठबंधन चुनाव जीतेगा। सभी कार्यकर्ता एक साथ मिलकर प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को सफल बनाने में लगे हैं। जिला प्रशासन पीएम की रैली को लेकर सतर्क है।
जिला पंचायत अध्यक्ष अनिरुद्ध त्रिपाठी का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी के आगमन को लेकर पांच हेलीपैड बनाए जा रहे हैं। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय राजमार्ग के पास ऊंज में होगा। प्रधानमंत्री की रैली से पार्टी को बहुत बड़ा लाभ होगा। भदोही में जब-जब प्रधानमंत्री ने रैली की है तब-तब इस सीट पर भगवा का परचम लहराया।
प्रधानमंत्री का वादा नहीं हुआ पूरा : जाहिद बेग
भदोही से सपा विधायक जाहिद बेग ने मोदी के भदोही आगमन पर तीखा हमाला बोलते हुए कहा है कि मोदी 10 साल में तीसरी बार भदोही आ रहे हैं। लेकिन जनता से नए रोज़गार, डेवलपमेंट देने का वादा किया, कितनी नौकरियां उन्होंने उपलब्ध करवाई, इसका जवाब जनता मत का प्रयोग करके देगी।
हिन्दुस्थान समाचार/प्रभुनाथ
/राजेश
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