किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान कर रही डबल इंजन सरकार : सूर्य प्रताप शाही

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किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान कर रही डबल इंजन सरकार : सूर्य प्रताप शाही


31 दिसम्बर तक फसल बीमा करा सकते हैं किसान

लखनऊ,28 दिसंबर (हि.स.)। डबल इंजन (मोदी-योगी) सरकार किसानों के हर संकट में सारथी बन रही है। फसलों को दैवीय आपदा या अन्य कुछ वजहों से संभावित नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चला रही है। रबी फसलों (गेहूं, जौ, चना, मटर, सरसो, मसूर, आलू आदि) के लिए बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर निर्धारित है। इसके लिए किसान pmfby.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं या 14447 पर कॉल भी कर सकते हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के माध्यम से दावों का डीबीटी के माध्यम से समय पर भुगतान भी किया जाता है। रबी फसलों के लिए किसानों को बीमा का सिर्फ डेढ़ प्रतिशत प्रीमियम देना होता है। शेष धनराशि का केंद्र-राज्य सरकार द्वारा भुगतान किया जाता है।

रबी सीजन 2025-26ः अब तक बीमा के लिए आ चुके 53.23 लाख आवेदन रबी सीजन 2025-26 के लिए अब तक 15.01 लाख से अधिक किसानों द्वारा 53.23 लाख आवेदनों का बीमा किया जा चुका है। 8,90,410 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों की बीमा कराया जा चुका है। रबी फसलों के लिए 1.5 फीसदी प्रीमियम किसानों की तरफ से दिया जाता है।

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत 2016-17 से 2024-25 तक 351.75 लाख बीमित किसानों द्वारा 339.41 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों की बीमा कराया गया। इस अवधि में 73.79 लाख किसानों को 5679.26 करोड़ की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया। वहीं 2025-26 में खरीफ सीजन में 20.72 लाख बीमित किसानों द्वारा 13.37 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में फसलों की बीमा कराया गया। अभी तक 2.70 लाख किसानों को 215.40 करोड़ क्षतिपूर्ति का भुगतान किया जा चुका है।

रबी फसलों के लिए 31 दिसंबर तक बीमा कराने की अंतिम तिथि कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि रबी फसलों के लिए किसानों द्वारा बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर तय है। जिन किसानों ने अभी तक बीमा नहीं कराया है, वे जल्द बीमा करा लें। शाही ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के कारण कई बार किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा कराने वाले किसानों को प्राकृतिक आपदा के कारण बीमित फसल का लाभ मिलता है।

हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन

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