अब 'आयुष्मान आरोग्य मंदिर' के नाम से जाना जाएगा 'आयुष्मान भारत – हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर'

अब 'आयुष्मान आरोग्य मंदिर' के नाम से जाना जाएगा 'आयुष्मान भारत – हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर'
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अब 'आयुष्मान आरोग्य मंदिर' के नाम से जाना जाएगा 'आयुष्मान भारत – हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर'


—टैगलाइन “आरोग्यं परमं धनम्” की तर्ज पर रोगियों को मिलेगा परामर्श व उपचार

वाराणसी, 12 दिसम्बर (हि.स.)। स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के लिए स्थापित किए गए आयुष्मान भारत – हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को लगातार मजबूती देने पर सरकार का जोर है। इस क्रम में हाल ही में शासन की ओर से जारी किए गए आदेश के अनुसार अब ‘आयुष्मान भारत – हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर’ को ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ के नाम से जाना जाएगा। इसकी टैगलाइन “आरोग्यं परमं धनम्” निर्धारित की गई है, जिसका अर्थ है “स्वास्थ्य ही परम धन है”। इसी की तर्ज पर घर के नजदीक ही रोगियों को ओपीडी, जांच, उपचार, परामर्श आदि सेवाएं दी जाएंगी। मंगलवार को यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने दी।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में जनपद के समस्त आठ ब्लॉक में 217 आयुष्मान भारत – हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर संचालित किए जा रहा हैं। इन सभी सेंटर पर सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) तैनात हैं जो ओपीडी, जांच, उपचार, परामर्श आदि सेवाएं दे रही हैं। जल्द ही सभी सेंटर में आयुष्मान भारत – हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के स्थान पर ‘आयुष्मान आरोग्य मंदिर’ और इसकी “आरोग्यं परमं धनम्” को लेकर ब्रांडिंग (लेखन) प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में संचालित सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर गर्भावस्था एवं शिशु जन्म देखभाल, नवजात एवं शिशु स्वास्थ्य देखभाल, बाल स्वास्थ्य एवं किशोरावस्था स्वास्थ्य देखभाल, प्रजनन स्वास्थ्य की देखभाल, मुख स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, मानसिक स्वास्थ्य, आंख, नाक, कान संबंधी प्राथमिक सेवाएं, टेली मेडिसिन सेवाएं, आकस्मिक ट्रामा सुविधा एवं रेफर की व्यवस्था भी की गई है।

इसके अलावा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर 14 प्रकार की जांच निःशुल्क की जाती हैं। इसमें हीमोग्लोबिन किट से गर्भावस्था जांच, मूत्र की जांच, मधुमेह की जांच, मलेरिया की जांच, एचआईवी, डेंगू जांच, विजुअल इंस्पेक्शन, नमक में आयोडीन की जांच, पानी में मल प्रदूषण एवं क्लोरिनेशन की जांच, हेपेटाइटिस बी की जांच, फाइलेरिया, आरडीटी किट और बलगम की जांच की जाती है।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/बृजनंदन

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