महात्मा गांधी के सिद्धांत स्वच्छता ही सेवा का मेट्रो कर रहा है पालन : प्रबंध निदेशक

कानपुर,07 अप्रैल (हि. स.)। स्वच्छता और स्वास्थ्य का आपस में गहरा अंतर्संबंध है। यूपीएमआरसी ने निर्माण चरण से लेकर संचालन तक कार्यालयों, मेट्रो ट्रेनों और मेट्रो स्टेशनों में स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया है। हम महात्मा गांधी के स्वच्छता ही सेवा सिद्धांत का ईमानदारी से पालन कर रहे हैं। यह बातें सोमवार को विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौके पर यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने कही।
प्रबंध निदेशक ने कहा कि स्वस्थ जीवनशैली का एक अहम पहलू है कि हम अपने आसपास स्वच्छता का पालन करें। हमने स्टेशनों पर नुक्कड़-नाटक और विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से जागरूकता फैलाने का भी प्रयास किया है। हमें खुशी है कि शहरवासियों से भी हमें इस दिशा में पूरा समर्थन प्राप्त हो रहा है।
उन्होंने बताया कि चुन्नीगंज से कानपुर सेंट्रल तक पांच नए अंडरग्राउंड स्टेशन (चुन्नीगंज, नवीन मार्केट, बड़ा चौराहा, नयागंज और कानपुर सेंट्रल) यात्री सेवाओं के लिए बनकर तैयार हैं। यहां पर यात्री सुविधाओं के लिए प्रत्येक स्टेशन के पेड एरिया में पेयजल के साथ-साथ शौचालयों की भी व्यवस्था की गई है। महिलाओं और पुरूषों के अलावा दिव्यांग यात्रियों के लिए भी अलग से शौचालय बनाए गए हैं। कानपुर मेट्रो ने यात्रियों के जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यह विशेष प्रबंध किया है, जो कि देश के अधिकांश शहरों की मेट्रो में उपलब्ध नहीं है।
मेट्रो में स्वच्छता के मद्देनजर तंबाकू पदार्थ है प्रतिबंधित
कानपुर मेट्रो ने स्वच्छता के मद्देनजर यात्रा के कुछ नियम भी बनाए हैं। स्टेशन परिसर और ट्रेन में तंबाकू पदार्थ जैसे, गुटखा, पान, बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू आदि पूरी तरह से प्रतिबंधित हैं। यात्रियों को पेड एरिया में प्रवेश से पूर्व ही चेकिंग प्वाइंट पर ऐसे पदार्थ जमा करने होते हैं। तंबाकू पदार्थों के सेवन से, साथ यात्रा कर रहे दूसरे यात्रियों के स्वास्थ्य पर भी गहरा असर पड़ता है। इसके अलावा गुटखा, पान, तंबाकू आदि की पीक से गंदगी और संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा रहता है।
यात्रा के दौरान ट्रेन के अंदर खाने-पीने की भी मनाही है, जिसका सार्वजनिक एलान ट्रेन के अंदर लगातार होता रहता है। हालांकि, टिफिन या पैकेट बंद खाना ले जाने पर किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं है।
हिन्दुस्थान समाचार / मो0 महमूद