पंचायती राज विभाग ने छह विश्वविद्यालयों संग किया एमओयू

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पंचायती राज विभाग ने छह विश्वविद्यालयों संग किया एमओयू


लखनऊ, 3 नवंबर (हि.स.)। पंचायती राज विभाग, उत्तर प्रदेश शासन एवं राज्य के छह प्रमुख विश्वविद्यालयों के मध्य सोमवार को मॉडल ग्राम पंचायत विकास योजनाओं के निर्माण हेतु समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए। यह ऐतिहासिक पहल राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (RGSA) के अंतर्गत आगामी वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिए की गई है। इसके तहत राज्य के 75 जनपदों की 750 ग्राम पंचायतों को चयनित किया गया है।

इस अवसर पर पंचायती राज विभाग के निदेशक अमित कुमार सिंह ने कहा कि “विश्वविद्यालयों का ग्राम पंचायतों के साथ जुड़ाव, न केवल योजनाओं की गुणवत्ता बढ़ाएगा बल्कि यह ग्रामीण शासन को सशक्त एवं उत्तरदायी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा। कार्यक्रम में पंचायती राज से मनीष कुमार (उपनिदेशक पंचायत) नोडल ऑफिसर आरजीएसए, आरजीएसए टीम एवं एन.आई.आर.डी.पी.आर टीम की उपस्थिति रही।

इस अवसर पर राज्य के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों- बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU), वाराणसी, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU), अलीगढ़, डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी, डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या के वरिष्ठ प्रोफेसरों, विभागाध्यक्षों एवं कुलसचिवों ने भागीदारी की।

इस पहल का मुख्य उद्देश्य विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक, अनुसंधानात्मक एवं तकनीकी क्षमता को ग्राम पंचायत स्तर की योजना निर्माण प्रक्रिया से जोड़ना है, ताकि स्थानीय सतत विकास लक्ष्यों (LSDGs) पर आधारित, समेकित एवं सहभागी योजनाएं तैयार की जा सकें। ग्राम पंचायत डेवलपमेंट प्लान मॉडल (GPDP) के माध्यम से कम लागत एवं बिना लागत की गतिविधियों को प्राथमिकता देते हुए ग्राम पंचायतों में सतत आजीविका, आधारभूत सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण, महिलाओं एवं बच्चों के समग्र विकास को बढ़ावा दिया जाएगा। सभी सहभागी विश्वविद्यालयों ने इस पहल के प्रति पूर्ण सहयोग का आश्वासन देते हुए कहा कि यह साझेदारी ग्रामीण विकास की दिशा में ज्ञान एवं नीति के एकीकरण का उत्कृष्ट उदाहरण बनेगी।

हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन

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