हमारे प्रयास पर्यावरण संरक्षण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को करते हैं प्रदर्शित: प्रो. एस गणेश
कानपुर, 26 नवम्बर (हि.स.)। आईआईटी कानपुर में सी गंगा नदी विज्ञान और नदी बेसिन प्रबंधन के उद्देश्यों के तहत जिम्मेदार जल प्रबंधन और संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ संकल्पित है, हमारे प्रयास पर्यावरण संरक्षण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हैं। यह बात रविवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के कार्यवाहक निदेशक प्रो. एस गणेश ने शिखर सम्मेलन की सफलता पर अपना उत्साह व्यक्त करते हुए कहा।
उन्होंने कहा कि स्लोवेनिया के साथ हस्ताक्षरित यह समझौता ज्ञापन एक महत्वपूर्ण कदम है, और शिखर सम्मेलन की सफलता जल प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण को आगे बढ़ाने की दिशा में सामूहिक प्रयासों का प्रतिबिंब है।
8वें आईडब्ल्यूआईएस सम्मेलन पर टिप्पणी करते हुए, सीगंगा के संस्थापक प्रमुख और आईआईटी कानपुर में प्रोफेसर डॉ. विनोद तारे ने कहा, “आठवें भारत जल प्रभाव शिखर सम्मेलन ने न केवल महत्वपूर्ण साझेदारियों को बढ़ावा दिया है, बल्कि नवीन समाधानों के लिए भी मंच तैयार किया है। नदी बेसिन प्रबंधन के लिए अंतरिक्ष विज्ञान प्रौद्योगिकी और उपग्रह उपयोग पर ध्यान केंद्रित करते हुए स्लोवेनिया के साथ हस्ताक्षरित यह समझौता ज्ञापन हमारी प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में खड़ा है। एनएमसीजी और सी गंगा के तत्वावधान में 8 वें डीडब्ल्यू आईएस ने जल संबंधी चुनौतियों और समाधानों को संबोधित करने में जिम्मेदारी साझा की।
आईआईटी कानपुर की मीडिया प्रभारी भाविशा उपाध्याय ने बताया कि 8वें इंडिया वाटर इम्पैक्ट समिट (IWIS) ने हाल ही में डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर नई दिल्ली में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) और सेंटर फॉर गंगा रिवर बेसिन मैनेजमेंट एंड स्टडीज (सी गंगा) आईआईटी कानपुर के संयुक्त तत्वावधान में 3 दिवसीय शिखर सम्मेलन की मेजबानी की।
इस शिखर सम्मेलन का उद्घाटन भारत के केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने; स्लोवेनिया गणराज्य के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार मंत्री इगोर पापिक; जल शक्ति मंत्रालय, डीओडब्ल्यूआर, आरडी और जीआर की सचिव देबाश्री मुखर्जी; जी.अशोक कुमार, महानिदेशक, एनएमसीजी; डॉ. विनोद तारे, सी गंगा के संस्थापक प्रमुख और आईआईटी कानपुर में प्रोफेसर और सनमित आहूजा, सी गंगा के विशेषज्ञ, आईआईटी कानपुर की उपस्थिति में किया । 8वें इंडिया वाटर इम्पैक्ट समिट (IWIS) का विषय 'भूमि, जल और नदियों के साथ विकास' था, जिसका उद्देश्य भारत के जल क्षेत्र में गतिशील चुनौतियों का समाधान प्राप्त करने के लिए वैज्ञानिक विशेषज्ञों, हितधारकों और सरकारी प्रतिनिधियों को एकजुट करना था।
सत्रों को एनएमसीजी महानिदेशक जी. अशोक कुमार ने माइकल बकले, यूरोपीय संघ के स्थिरता प्रभाग के प्रमुख; और द कारवेल ग्रुप के कार्यकारी निदेशक गुनीत बंगा ने सम्बोधित किया । 8वां IWIS सम्मेलन टिकाऊ जल प्रबंधन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करते हुए संपन्न हुआ।
हिन्दुस्थान समाचार/राम बहादुर/बृजनंदन
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