स्वामी रामदेव का योगा केवल कसरत : स्वामी भक्ति वेदांत
ओशो ध्यान शिविर का आयोजन 23 दिसम्बर से, 22 राज्यों के सन्यासी होंगे शामिल
झांसी, 21 दिसंबर (हि.स.)। स्वामी भक्ति वेदान्त ने कहा कि ओशो की ध्यान विधियों के द्वारा सामान्य जन जीवन में तनाव से बचने और मानसिक रूप से स्वस्थ्य रहने की विधियां सिखाई जाएंगी। इन विधियों को ध्यान शिविर में बताया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्वामी रामदेव का योगा, योगा नहीं केवल कसरत है। जबकि ओशो के द्वारा वर्णित योग कसरत के साथ ध्यान मिलकर योगा बनता है।
सीपरी बाजार स्थित विवाह घर में गुरुवार को पत्रकार वार्ता में स्वामी भक्ति वेदांत ने कहा कि अब योग का प्रारूप बदल गया है। अब योग का मतलब व्यायाम के साथ ध्यान है। जबकि ढाई हजार वर्ष पूर्व विपश्यना योग था। उन्होंने बताया कि ओशो ने योग की करीब 600 सक्रिय विधियां बताई हैं। इनमें से कुछ ही विधियां व्यक्ति विशेष पर उचित होती हैं। प्रतिदिन करीब 05 सक्रिय विधि कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि सारी विधियां सभी के लिए नहीं होती। सक्रिय विधियां सर्दियों में ही संभव होती हैं।
स्वामी वोधि विवेक ने कहा कि ध्यान की विधियों के द्वारा चेतना के उच्च स्तर पर पहुँचा जा सकता है। ओशो मित्र मण्डल झाँसी द्वारा त्रिदिवसीय ध्यान साधना शिविर का उद्घाटन 23 दिसम्बर होगा और समापन 26 दिसम्बर को होगा।
स्वामी पारितोष ने बताया कि इन ध्यान विधियों को कराने के लिये स्वामी अशोक भारती पूना से पधार रहे हैं जो ओशो की बताई गई तमाम ध्यान विधियों का प्रयोग कराएंगे। ध्यान के प्रति जागरूकता जन-जन तक पहुँचाई जाएगी। स्वामी प्रेम मधुर ने सक्रिय ध्यान के बारे में बताया।
हिन्दुस्थान समाचार/महेश/डॉ. कुलदीप
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