कर्नाटक सरकार के मंदिरों पर टैक्स लगाए जाने के विधेयक का काशी में संतों ने किया विरोध
—स्वामी जीतेन्दानंद ने विधेयक की तुलना मुगलकालीन जजिया टैक्स से की
वाराणसी,22 फरवरी (हि.स.)। कर्नाटक सरकार ने ‘कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक 2024’ पारित किया है। इस विधेयक को लेकर अखिल भारतीय संत समिति ने नाराजगी जताई है। समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने गुरुवार को मंदिरों पर टैक्स लगाए जाने के विधेयक की कड़ी निंदा की है। इस विधेयक की तुलना मुगलकालीन जजिया टैक्स से कर स्वामी जीतेन्द्रानंद ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह संविधान का उल्लंघन है । हिंदुओं के धर्म स्वतंत्रता के मिले अधिकार का हनन है। जीतेन्द्रानंद ने कहा कि यह देश का पहला मामला है जहां धर्म के आधार पर टैक्सेशन की शुरुआत की गई है। इस बिल के अनुसार अगर किसी हिंदू मंदिर का राजस्व 1 करोड़ है तो सरकार उनसे 10 फीसद टैक्स ले सकती है और जिनका राजस्व 1 करोड़ से कम है लेकिन 10 लाख रुपए से ज्यादा है तो उनसे सरकार 5 प्रतिशत कर ले सकती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी हिंदुओं के साथ गद्दारी पर उतर आई है। पार्टी के नेता राहुल गांधी पूरे देश में मोहब्बत की दुकान खोलते हुए घूम रहे हैं, लेकिन कर्नाटक में उनकी पार्टी हिंदुओं के खिलाफ विधेयक पारित कर रही है। समिति इस टैक्स का कड़ा विरोध करती है।
उन्होंने बताया कि 2 और 3 मार्च को मुंबई में देश के शीर्ष संतों की एक बैठक बुलाई गई है, जिसमें कर्नाटक सरकार के खिलाफ आंदोलन की रणनीति पर विचार किया जाएगा। जीतेन्द्रानंद ने कर्नाटक सरकार और कांग्रेस नेतृत्व से प्रश्न पूछा, हम पूछना चाहते हैं कि देश के किस राज्य में मस्जिद या वक्फ बोर्ड से होने वाली आय पर, चर्च चाहे सीएनआई या सीएसआई (चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया या साउथ इंडिया) से होने वाली आय पर, या एफसीआरए (फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट) से होने वाली आय पर टैक्स लिया जाता है?। आय पर होने वाले इनकम टैक्स को लेने का अधिकार केंद्र सरकार का विषय है, परंतु राज्य सरकार के स्तर पर कर्नाटक सरकार ने हिंदू होने को गाली मानकर हिंदुओं के धर्म स्वतंत्रता के अधिकारों का हनन किया है। स्वामी जीतेंद्रानंद ने विश्व हिंदू परिषद से भी आग्रह किया है कि वह फरवरी के अंतिम सप्ताह में अयोध्या में होने वाली अपनी प्रन्यासी मंडल की बैठक में इस मुद्दे पर विचार करे। उन्होंने कहा कि समिति इस टैक्स के खिलाफ पूरे देश में अभियान चलाएगी। उन्होंने सनातनियों से आह्वान किया कि हिंदू द्रोहियों को लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं मिलनी चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/सियाराम
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