आईआईटी बीएचयू और बीएचयू के बीच दीवार बनाने का विरोध,छात्रों ने निकाला आक्रोश मार्च
-कक्षाओं का बहिष्कार कर छात्रों ने कहा सुरक्षा के नाम पर बीएचयू का विभाजन बर्दाश्त नहीं होगा
वाराणसी,04 नवम्बर (हि.स.)। आईआईटी बीएचयू और बीएचयू के बीच दीवार बनाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। शनिवार को लामबंद हजारों छात्र कक्षाओं का बहिष्कार कर सड़क पर उतर आए। छात्रों ने परिसर में महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की तस्वीर लेकर आक्रोश मार्च निकाला और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
छात्रों ने विश्वविद्यालय के झंडा के साथ छात्र संघ भवन तक जाकर विरोध दर्ज कराया। मार्च निकालने वाले छात्रों के साथ कहना था कि छात्र-छात्र होते हैं। वह चाहे आईआईटी के हो चाहे मेडिकल के। सुरक्षा के नाम पर बीएचयू का विभाजन बर्दाश्त नहीं होगा। बीएचयू में सुरक्षा व्यवस्था तगड़ी की जाए लेकिन इसके विकल्प में दीवार खड़ा करना महामना के मूल्यों के खिलाफ है। छात्रों ने कहा कि सुरक्षा की बात पूरे परिसर की होनी चाहिए थी, न कि आईआईटी में दीवार बनवाने की।
छात्र नेता मृत्युंजय तिवारी 'आज़ाद' ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन को तत्काल प्रभाव से स्पष्टीकरण देना चाहिए की किस अधिकार से भी बीएचयू को खंडित करना चाहते हैं। उनकी मंशा बीएचयू हित में नहीं है। इसके विरोध में हम लोग लगातार विरोध दर्ज कराते रहेंगे। शोध छात्र पतंजलि पांडेय ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन विखंडन वादी मानसिकता का है। जिसका महामना परिवार विरोध करेगा। लोकतांत्रिक तरीके से इसके विरोध में लड़ाई लड़ेंगे।
छात्रनेता आशीर्वाद ने कहा कि इस लड़ाई में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अध्यापकों तथा कर्मचारियों का भी समर्थन प्राप्त हुआ है। आक्रोश मार्च में विधि संकाय,संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय, सामाजिक विज्ञान संकाय, कला संकाय, वाणिज्य संख्याएं तथा कृषि संस्थान आदि संकाय के छात्र शामिल रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/मोहित
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