विद्यार्थियों को व्यावहारिक ज्ञान दें विश्वविद्यालय -  आनंदीबेन पटेल

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विद्यार्थियों को व्यावहारिक ज्ञान दें विश्वविद्यालय -  आनंदीबेन पटेल


विश्वविद्यालय समर्थ ई0आर0पी0 के सभी माडॅ्यूल्स पर प्रभावी ढंग से कार्य करें

लखनऊ, 17 अक्टूबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में गुरुवार को राजभवन में 24 राज्य विश्वविद्यालयों में समर्थ ई0आर0पी0 के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा की गई। इसके अलावा प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान योजना के अंतर्गत स्वीकृत धनराशि के सापेक्ष विश्वविद्यालयों द्वारा प्रस्तावित कार्यों की ऑनलाइन समीक्षा बैठक हुई।

बैठक के दौरान राज्यपाल ने सभी राज्य विश्वविद्यालयों को निर्देशित किया कि विद्यार्थियों को व्यावहारिक ज्ञान दें और समर्थ ई0आर0पी0 का सौ प्रतिशत क्रियान्वयन जल्द सुनिश्चित करायें। उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय समर्थ ई0आर0पी0 के माध्यम से अधिक से अधिक विद्यार्थियों को लाभ पहुंचाने का प्रयास करें।

उन्होंने राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को नियमित रूप से समर्थ स्टीयरिंग समिति की बैठकों में शामिल होने तथा राज्य विश्वविद्यालयों के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा समर्थ ई0आर0पी0 के क्रियान्वयन में व्यक्तिगत रूचि लेने का निर्देश देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय समर्थ ई0आर0पी0 के सभी 41 मॉड्यूल्स पर प्रभावी ढंग से कार्य करें, तभी उसका समयबद्ध क्रियान्वयन सम्भव हो सकेगा। उन्होंने विश्वविद्यालयों को प्राइवेट ई0आर0पी0 का उपयोग ना करने तथा निर्धारित प्रारूप में विद्यार्थियों का लीगेसी डाटा उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया।

पीएम उषा योजना के अंतर्गत 14 विश्वविद्यालयों को स्वीकृत धनराशि के संदर्भ में राज्यपाल ने सुझाव दिया कि सभी विश्वविद्यालय एक कार्यदायी संस्था और समिति बनाकर इस योजना की मॉनिटरिंग करें। उन्होंने इस योजना के तहत प्राप्त धनराशि से हो रहे निर्माण कार्यों में निर्माण सामग्री की गुणवत्ता बनाए रखने का भी विशेष निर्देश दिया। राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया कि वे केवल सेमिनार तक सीमित न रहें, बल्कि ऐसे कार्य करें, जिससे विद्यार्थियों को नए ज्ञान की प्राप्ति हो।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा आयोजित इंटरनेशनल सेमिनार्स का विजन विद्यार्थियों के सामने रखा जाना चाहिए, ताकि वे आधुनिक तकनीक से परिचित हो सकें। इसके लिए वर्कशॉप आयोजित कर विद्यार्थियों को व्यावहारिक शिक्षा दी जानी चाहिए, जिससे वे नौकरी ढूंढने के बजाय रोजगार देने वाले बन सकें।

उन्होंने कहा कि यह बैठक शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे प्रदेश के विश्वविद्यालयों को मजबूती मिलेगी और विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त होगा।

इस अवसर पर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय बैठक से वर्चुअली जुड़े तथा राजभवन से अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ0 सुधीर महादेव बोबडे, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा एम0पी0 अग्रवाल, विशेष सचिव उच्च शिक्षा शीबू गिरी, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा डॉ0 पंकज एल0 जानी, समर्थ ई0आर0पी0 के अधिकारी एवं राजभवन के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन

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