महाशिवरात्रि पर्व पर श्री काशी विश्वनाथ दरबार में पांचों गेट से शिवभक्तों को मिलेगा प्रवेश

महाशिवरात्रि पर्व पर श्री काशी विश्वनाथ दरबार में पांचों गेट से शिवभक्तों को मिलेगा प्रवेश
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महाशिवरात्रि पर्व पर श्री काशी विश्वनाथ दरबार में पांचों गेट से शिवभक्तों को मिलेगा प्रवेश


वाराणसी, 06 मार्च (हि.स.)। महाशिवरात्रि पर्व पर श्री काशी विश्वनाथ के दरबार में शिवभक्तों के सुगम दर्शन के लिए मंदिर प्रशासन ने धाम के पांचों प्रवेश द्वारों को खोलने का निर्णय लिया है। पांच प्रवेश द्वारों से श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश कर दर्शन पूजन के बाद निकलेंगे। पांचों प्रवेश द्वार क्रमशः ढूंढीराज गणेश द्वार (मां अन्नपूर्णा द्वार), गंगा द्वार (ललिता घाट), सरस्वती द्वार, विश्वनाथ द्वार (गेट नं 04) व नंदूफारिया रैम्प से श्रद्धालु कतारबद्ध होकर बाबा के दरबार में जाएंगे। प्रवेश द्वारों पर समुचित बैरिकेडिंग की व्यवस्था कराई गई है। जिससे किसी भी दर्शनार्थी को बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने में असुविधा न हो।

-मंदिर में जाने का रूट प्लान

मंदिर प्रशासन के अनुसार नंदूफेरिया प्रवेश मार्ग से आने वाले दर्शनार्थी यात्री सुविधा केंद्र एक जिग जैग में प्रवेश करते हुए मंदिर परिसर के डी गेट से प्रवेश कर गर्भगृह के पश्चिम द्वार से दर्शन करते हुए पुनः डी गेट से बाहर निकल कर नंदू फरिया से वापस बाहर की ओर प्रस्थान करेंगे। इसी तरह विश्वनाथ द्वार (गेट नं 04) से आने वाले दर्शनार्थी बैरिकेडिंग में कतारबद्ध होते हुए शंकराचार्य चौक जिग जैग से मंदिर परिसर के सी-गेट से प्रवेश करेंगे। तथा गर्भगृह के उत्तरी द्वार से झांकी दर्शन करते हुए मंदिर परिसर के ए गेट से वापस शंकराचार्य चौक की तरफ प्रस्थान करेंगे। इसी तरह सरस्वती द्वार से प्रवेश करने वाले दर्शनार्थी बैरिकेडिंग में लगते हुए यात्री सुविधा केन्द्र 02 से चेकिंग के उपरांत जिग-जैग में प्रवेश करेंगे। तथा मंदिर परिसर के ‘बी गेट’ से प्रवेश कर गर्भगृह के दक्षिणी द्वार से झांकी दर्शन कर पुनः बी-गेट से बाहर निकल कर शनि देव चैनल से बाहर की ओर प्रस्थान करेंगे। ललिता घाट से प्रवेश करने वाले दर्शनार्थी रैम्प से चेकिंग के उपरांत बैरिकेडिंग में लगते हुए जलपान केन्द्र के पास से कतारबद्ध होकर रैम्प में प्रवेश कर शंकराचार्य चौक जिग-जैग में प्रवेश कर मंदिर परिसर के पूर्वी द्वार से प्रवेश करते हुए गर्भगृह के पूर्वी द्वार से झांकी दर्शन कर पुनः पूर्वी द्वार से बाहर की ओर (शंकराचार्य चौक) प्रस्थान करेंगे।

इसी तरह ढुंढिराज प्रवेश मार्ग से आने वाले दर्शनार्थी बैरिकेडिंग में लगते हुए चेकिंग के उपरांत मंदिर परिसर के डी-गेट से प्रवेश कर गर्भगृह के पश्चिमी द्वार से झांकी दर्शन कर पुनः डी गेट से बाहर होकर श्रृंगार गौरी मार्ग से होते हुए नंदुफारिया मार्ग से बाहर की ओर प्रस्थान करेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/आकाश

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