छोटी दिपावली पर काशी में रोशनी से बिखरी इंद्रधनुषी छटा, जले यम के दीप

छोटी दिपावली पर काशी में रोशनी से बिखरी इंद्रधनुषी छटा, जले यम के दीप
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छोटी दिपावली पर काशी में रोशनी से बिखरी इंद्रधनुषी छटा, जले यम के दीप


वाराणसी, 11 नवम्बर (हि.स.)। ज्योति पर्व के एक दिन पूर्व छोटी दिपावली (नरक चतुर्दशी) पर शनिवार को काशीपुराधिपति की नगरी में जगमगाते दीपकों और रंग बिरंगी सतरंगी विद्युत झालरों से चहुंओर रोशनी की इंद्रधनुषी छटा दिख रही। पर्व पर लोगों ने शाम को यम का दीप अपने घरों और प्रतिष्ठानों के बाहर जलाया। तिल के तेल से भरे दीपों को यम के अतिरिक्त ब्रह्मा-विष्णु-महेश आदि के नाम से मंदिरों, मठ, बाग-बगीचों, गली में भी दीपदान किया।

मान्यता है कि यम देव की पूजा से अकाल मृत्यु का भय खत्म होता है। इस कारण इस दिन यमराज के नाम का दीपक जलाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार दक्षिण दिशा को यम देव की दिशा माना गया है, इसलिए चतुर्दशी तिथि पर यम के नाम का दीपक दक्षिण दिशा में जलाया जाता है।

इस सम्बंध में एक कथा है नरक चतुर्दशी के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध किया था। नरकासुर नाम के राक्षस ने अपनी शक्तियों से देवताओं, ऋषियों-मुनियों और 16 हजार एक सौ कन्याओं को बंधक बना लिया था। इसलिए नरकासुर के अत्याचारों से परेशान होकर साधु-संत और देवता भगवान श्रीकृष्ण के पास पहुंचे। नरकासुर को श्राप मिला था, कि उसकी मृत्यु एक स्त्री के हाथों होगी। इसलिए भगवान श्रीकृष्ण ने कार्तिक माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अपनी पत्नी सत्यभामा की मदद से नरकासुर राक्षस का वध किया था और 16 हजार एक सौ कन्याओं को उसकी कैद से मुक्ति दिलाया था। नरकासुर राक्षस की कैद से आजाद होने पर कन्याओं को समाज से सम्मान दिलाने के लिए भगवान ने सभी कन्याओं से विवाह कर लिया था। इसी खुशी में कार्तिक माह के चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी मनाने की परंपरा शुरू हुई।

उधर, पर्व पर शहर के बहुमंजिली इमारतों से लेकर घर और व्यापारिक प्रतिष्ठान रोशनी से नहाये रहे। शहर के प्रमुख बाजारों, सार्वजनिक पार्को, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू),सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ परिसर रोशनी से सराबोर दिखा। बीएचयू के लंका स्थित सिंह द्वार पर स्थित महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की आदमकद प्रतिमा भी रंगीन विद्युत झालरों से सजी दिखी। शिवपुर स्थित परमानंदपुर के खेल मैदान में खिलाड़ियों ने छोटी दीपावली के अवसर पर हजारों दीया और मोमबत्तियां जलाई। इसमें खिलाड़ियों ने भी पूरे उत्साह के साथ भागीदारी की। वाराणसी हॉकी संघ के अध्यक्ष डॉ एके सिंह ने बताया कि इस बार की थीम हॉकी थी।

-पर्व पर लक्ष्मी गणेश की मूर्ति की जमकर खरीददारी

छोटी दिवाली पर भी पूजन अर्चन के लिए मिट्टी से बनी लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति जमकर बिकी। मूर्तियों की खरीददारी के लिए जगह-जगह सड़क पर सजे अस्थाई स्टालों पर पूरे दिन लोगों की भीड़ जमी रही। लहुराबीर, जगतगंज, चेतगंज, नई सड़क, गोदौलिया, दशाश्वमेध, जद्दूमंडी, लंका, अस्सी, लहरतारा और मंडुवाडीह, पांडेयपुर, अर्दलीबाजार आदि इलाकों में लोग पर्व पर खरीददारी करते रहे। गाय के गोबर से निर्मित गणेश लक्ष्मी व अन्य शुभ प्रतीक चिह्न भी लोग खरीदते रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/राजेश

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