श्रावणी पूर्णिमा पर काशीवासी बाबा विश्वनाथ को सपरिवार बैठाएंगे झूला पर

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श्रावणी पूर्णिमा पर काशीवासी बाबा विश्वनाथ को सपरिवार बैठाएंगे झूला पर


वाराणसी,17 अगस्त (हि.स.)। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में टेढ़ी नीम स्थित महंत आवास से जुड़ी सभी वार्षिक लोक परंपराओं का निर्वहन पूर्व की भांति ही होगा। महंत आवास से ही श्रावण पूर्णिमा के साथ अन्नकूट पर्व और रंगभरी एकादशी की रस्म निभाई जाती है। मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी के गोलोकवासी होने के बाद ये सभी परम्परा वंश क्रमानुसार डॉ. तिवारी के पुत्र अंक शास्त्री पं. वाचस्पति तिवारी निभाएंगे।

शनिवार को टेढ़ीनीम महंत आवास (गौरा-सदनिका) पर आयोजित पत्रकार वार्ता में पं. वाचस्पति तिवारी ने ये जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मंदिर के स्थापना काल से ही मेरे पूर्वजों के साथ प्रपितामह पं. महावीर प्रसाद तिवारी, पितामह पं. कैलाशपति तिवारी के बाद मंदिर का सरकार द्वारा अधिग्रहण होने के बाद भी काशी के नागरिकों के लिए मेरे पिता डॉ.कुलपति तिवारी जिस तरह से परंपराओं को तमाम संघर्षो के बावजूद करते रहे। उसे उनके बाद प्राचीन तौर तरीकों से संरक्षित रखना ही पुत्र धर्म है। पिताजी के गोलोकवासी होने होने के बाद काशीवासी पंरपरा निभाने को लेकर चिंतित थे। काशीवासियों की चिंता समाप्त करने के लिए इस पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया है।

उन्होंने बताया कि विश्वनाथ मंदिर के महंत आवास से जुड़ी हर परंपरा काशीवासियों की अपनी परंपरा है। काशीवासियों के सहयोग से सभी परंपराओं का निर्वाह पूर्ववत किया जाता रहेगा। श्रावण पूर्णिमा पर काशीपुराधिश्वर बाबा विश्वनाथ को सपरिवार झूला पर विराजमान कराने की परंपरा का निर्वाह किया जाएगा। 19 अगस्त, 2024, सोमवार को बाबा के झूलनोत्सव पर महंत आवास से काशी विश्वनाथ मंदिर तक पालकी यात्रा परंपरागत तरीके से निकाली जाएगी। इससे पूर्व टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास बाबा भक्तों को दर्शन देंगे।

पं. वाचस्पति तिवारी ने बताया कि श्रावण पूर्णिमा पर बाबा की पंचबदन सपरिवार प्रतिमा को विश्वनाथ मंदिर में झूले पर विराजमान कराये जाने के पहले मंहत आवास पर बाबा का झांकी दर्शन होगा। टेढ़ीनीम स्थित श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के महंत आवास पर बाबा विश्वनाथ की पंचबदन प्रतिमा का विधि-विधान पूर्वक पूजन अर्चन किया जाएगा। महंत आवास पर मध्याह्न 12:00 बजे से सायं चार बजे तक झांकी के दर्शन होंगे। इस दौरान शिवांजलि के अंतर्गत भक्ति संगीत का कार्यक्रम होगा। इसके उपरांत परंपरानुसार मंदिर के अर्चक और महंत परिवार के सदस्य बाबा की पंचबदन प्रतिमा को सिंहासन पर विराजमान करके टेढ़ीनीम से साक्षीविनायक, ढुंढिराजगणेश, अन्नपूर्णा मंदिर होते हुए विश्वनाथ मंदिर तक ले जाएंगे। इस दौरान बाबा का विग्रह श्वेत वस्त्र से ढंका रहेगा।

श्रावण पूर्णिमा (19 अगस्त) पर मंदिर की स्थापना काल से चली आ रही लोक परंपरा के अंतर्गत बाबा को माता पार्वती और भगवान गणेश के साथ झूले पर विराजमान कराया जाएगा। काशी विश्वनाथ मंदिर में झूलनोत्सव सायंकाल साढ़े पांच बजे के बाद आरंभ होगा। दीक्षित मंत्र से पूजन के बाद सर्वप्रथम गोलोकवासी महंत डाॅ.कुलपति तिवारी के पुत्र और महंत परिवार के सभी सदस्य बाबा को झूला झुलाएंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी / Siyaram Pandey

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