काशी में भैरवाष्टमी पर कालभैरव मंदिर मे बाबा का विशेष श्रृंगार, मदिरा का लगा भोग

काशी में भैरवाष्टमी पर कालभैरव मंदिर मे बाबा का विशेष श्रृंगार, मदिरा का लगा भोग
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काशी में भैरवाष्टमी पर कालभैरव मंदिर मे बाबा का विशेष श्रृंगार, मदिरा का लगा भोग


वाराणसी, 05 दिसम्बर(हि.स.)। काशीपुराधिपति बाबा विश्वनाथ की नगरी में मंगलवार को काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव का जन्मोत्सव(भैरवाष्टमी) उल्लासपूर्ण माहौल में मनाया जा रहा है। बाबा की विशेष झांकी का दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ दरबार में उमड़ रही है। भोर से लेकर दोपहर तक दरबार में दर्शन पूजन के लिए युवा कतारबद्ध होते रहे।

भैरवाष्टमी पर कालभैरव मंदिर में बाबा के विग्रह का विशेष श्रृंगार कर मदिरा का भोग लगाया गया। दोपहर में बाबा के भक्तों के साथ मंदिर प्रबंधन ने 1008 लीटर केसर युक्त दूध, 108 किलो लड्डू, 1008 पैकेट पंचमेवा बाबा को चढ़ाकर प्रसाद का वितरण श्रद्धालुओं में किया गया। मंदिर के पुजारियों के अनुसार बाबा को केसर युक्त दूध चढ़ाने से जीवन में दृष्टि दोष नहीं होती। जीवन में नई ऊर्जा मिलती है। पंचमेवा चढ़ाने से संपन्नता मिलती है। लड्डू चढ़ाने से असीम शांति एवं सुख की अनुभूति प्राप्त होती है।

काल भैरव मंदिर परिवार की तरफ से रोहित योगेश्वर, मोहित योगेश्वर, आशीष कुमार, धर्मेंद्र नाथ योगी, प्रकाश नाथ प्रसाद चढ़ाने और वितरण में पुजारी संतोष, पुजारी रमेश, महंत एवं संरक्षक कैलाश नाथ दुबे, सुरेंद्र दुबे, महेंद्र नाथ दुबे आदि का सहयोग किया। सभी ने मिलकर काल भैरव की वंदना कर समूचे राष्ट्र के लिए मंगल कामना की।

भैरवाष्टमी पर भगवान शिव के अंश सभी भैरव मंदिरों में बाबा का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। गौरतलब हो कि हर वर्ष मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को काल भैरव जयंती मनाई जाती है। मान्यता है कि इस तिथि पर भगवान काल भैरव का जन्म हुआ था। काशी में रहने वाले हर व्यक्ति को यहां पर रहने के लिए बाबा काल भैरव की आज्ञा लेनी पड़ती है। मान्यता है कि भगवान शिव ने ही इनकी नियुक्ति यहां की थी।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/दिलीप

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