शरीर का मोटापा निकाल रहा दम, बढ़ते कोलेस्ट्रॉल को कैसे करें कम

कानपुर, 08 मार्च (हि.स.)। लोगों में बढ़ती मोटापे की बीमारी से शरीर में कई तरह के लक्षण पनप सकते हैं। जिनमें मधुमेह, फैटी लिवर, उच्च रक्तचाप और ह्रदय संबंधित बीमारियों को न्योता देता है। ऐसे में चिकित्सकों की माने तो यदि सही समय पर बढ़ते मोटापे पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो यह घातक रूप ले सकता है। रिसर्च में एक चौंका देने वाला तथ्य भी सामने आया है। जिसमें हृदय से जुड़ी बीमारियां और उसके लक्षण जेनेटिक पाए गए हैं। हमारे शरीर में दो तरह के कोलेस्ट्रॉल एलडीएल और एचडीएल पाए जाते हैं। एलडीएल बुरा कोलेस्ट्रॉल माना जाता है। जबकि एचडीएल को अच्छा माना जाता है। जिसे लेकर शनिवार को मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. आरके वर्मा ने अहम जानकारियां साझा की है।
--खराब लाइफस्टाइल और तेल युक्त भोजन और अत्यधिक
फ़ास्ट फ़ूड के सेवन से हर तीसरा व्यक्ति मोटापे का शिकार हो रहा है। जिसे लेकर लोग काफी परेशान और चिंतित है। लोगों की बढ़ती हुई इस समस्या को लेकर बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मन की बात कार्यक्रम में इस मुद्दे को उठाया था। मोटापा एक ऐसी बीमारी है। जो किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है। बढ़ते मोटापे की वजह से शरीर में कई तरह की बीमारियां भी पनप सकती हैं। जिनमें उच्च रक्तचाप, फैटी लिवर, मधुमेह और फिर ह्रदय संबंधी रोग हो सकता है। कई मामलों में तो ऐसा भी पाया गया है कि यह बीमारियां जेनेटिक होती हैं।
मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. आरके वर्मा ने बताया कि मनुष्य के शरीर में दो तरह के कोलेस्ट्रॉल एलडीएल यानी लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन और एचडीएल यानी हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन पाया जाता है। एलडीएल को बेड कोलेस्ट्रॉल भी कहा जाता है जब ज्यादा से ज्यादा जंक फूड और तेल युक्त पदार्थ का सेवन करते हैं तो इसकी मात्रा शरीर में बढ़ने लगती है। जिससे यह धमनियों में एकत्रित होकर प्लाक बनाता है। जिसकी वजह से हृदय सम्बंधी समस्याएं शुरू होने लगती है। वहीं एचडीएल को गुड कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है, यह धमनियों से एलडीएल को कम करता है। ऐसे में हमें उन्हें पदार्थ का सेवन करना चाहिए जिसमें तेल की मात्रा कम हो।
हालांकि इन सब में एक चौंका देने वाला तथ्य भी है कि कई मामलों में ऐसा पाया गया है कि हृदय सम्बंधित बीमारियां जेनेटिक होती है। इसलिए बुजुर्गों द्वारा की गई गलतियों को न दोहराते हुए वर्तमान पीढ़ी को अपने खान-पान और लाइफस्टाइल को बदलना होगा जिससे कि इन घातक बीमारियों से बचा जा सके।
हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप