अब विदेशों में भी महकेगी काशी के फूलों की खुशबू ,फूलों के किसान भी बन रहे निर्यातक
— पहली बार संयुक्त अरब अमीरात निर्यात किया गया गेंदे का फूल
वाराणसी, 15 नवम्बर (हि.स.)। धर्म नगरी काशी के फूलों की खुशबू अब विदेशों में भी महकेगी। सब्जी और फलों के साथ अब फूलों के किसान भी निर्यातक बन रहे हैं। भाजपा की डबल इंजन की सरकार का किसानों की आय दोगुनी करने का सपना भी साकार होने की राह पर है।
वाराणसी से बुधवार को पहली बार मेरीगोल्ड (गेंदे का फूल) संयुक्त अरब अमीरात निर्यात किया गया है। लगभग 400 किलो गेंदे का फूल वाराणसी के बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट से भेजा गया है। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के चेयरमैन अभिषेक देव ने वर्चुअली फ्लैग ऑफ करके कंसाइनमेंट को रवाना किया।
गेंदे के साथ ही गुलाब के फूल का भी सैंपल भेजा गया है। त्यौहारी सीजन हो या शादियां, अब फूलों से डेकोरेशन हर कोई चाहता है। दुबई में भारत के फूलों से त्योहारों और अन्य मौकों पर सजावट की जाएगी। एपीडा के चेयरमैन के अनुसार कृषि उत्पादों के निर्यात में किसान उत्पाद संगठनों (एफपीओ) को जोड़ा जा रहा है। इसका सकरात्मक प्रभाव भी देखने को मिल रहा है।
वाराणसी स्थित एपीडा के क्षेत्रीय कार्यालय के उप महाप्रबंधक ने बताया कि 200 विशेष डिब्बों में 400 किलो मेरीगोल्ड का फूल भेजा गया है। पहली बार वाराणसी के किसानों के गेंदे का फूल दुबई निर्यात हो रहा है। इसके साथ ही गुलाब के फूलों का भी सैंपल भेजा गया है।
उन्होंने बताया कि पहले भी बड़ी तादाद में सब्जी और फलों की खेप विदेशों में भेजी गई है। एपीडा के मदद से वाराणसी से 90 से 100 मीट्रिक टन कृषि निर्यात प्रति महीने किया जा रहा है। अब फूलों के विदेश जाने से किसानों का एक और वर्ग भी निर्यातक बन गया है। उन्होंने बताया कि वाराणसी स्थित एफपीओ मधुजनसा फ़ीड फार्मर प्रोडूसेर आर्गेनाइजेशन लिमिटेड ने फूलों की खेप का निर्यात किया है।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/पदुम नारायण
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