बदायूं की सदर तहसील एसडीएम कोर्ट से राज्यपाल को नोटिस जारी

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बदायूं की सदर तहसील एसडीएम कोर्ट से राज्यपाल को नोटिस जारी


बदायूं की सदर तहसील एसडीएम कोर्ट से राज्यपाल को नोटिस जारी


बदायूं, 27 अक्टूबर (हि.स.)। जनपद की एक खबर शुक्रवार को चर्चा में बनी हुई है। यह खबर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल से जुड़ी हुई है। सदर तहसील के एसडीएम न्यायिक कोर्ट से जमीन मामले में राज्यपाल को 18 अक्टूबर को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी हुआ था। नोटिस मिलने के बाद राज्यपाल के विशेष सचिव ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी जो अब सोशल मीडिया में सार्वजनिक हुआ है। हालांकि राज्यपाल को नोटिस जारी होने के मामले में जिले का कोई भी प्रशासनिक अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।

थाना सिविल लाइन के बहेड़ी के रहने वाले चंद्रहास नाम के एक व्यक्ति ने जनपद की सदर तहसील के एसडीएम न्यायिक कोर्ट में जमीन से संबंधित एक वाद दायर किया था। कोर्ट में दायर में वाद में कहा गया कि उनकी बुआ कटोरी देवी की जमीन को उनके कुछ रिश्तेदारों ने अपने नाम कर लेखराज नाम के व्यक्ति को बेच दी थी। शासन द्वारा लेखराज से कुछ जमीन को अधिग्रहण किया गया था, जिसके बदले लेखराज को 12 लाख का मुआवजा भी दिया गया था। इसके बाद चंद्रहास ने बदायूं की सदर तहसील के एसडीएम न्यायिक कोर्ट में वाद दायर किया। इसमें राज्यपाल, पीडब्ल्यूडी और लेखराज को पार्टी बनाया गया था। इस मामले में 10 अक्टूबर को सदर तहसील के एसडीएम न्यायिक कोर्ट से राज्यपाल को नोटिस जारी हुआ था।18 अक्टूबर को उन्हें अपना पक्ष रखने की बात कही गई। नोटिस मिलने के बाद राज्यपाल के विशेष सचिव बद्रीनाथ सिंह ने 16 अक्टूबर को आपत्ति जताते हुए पत्र में लिखा कि राज्यपाल को नोटिस भेजना संविधान के अनुच्छेद 361 का उल्लंघन है और आपत्तिजनक है। साथ ही पत्र में यह कहा भी कहा गया है कि डीएम को निर्देश दिए गए हैं कि भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति न हो।

जानिए कोर्ट में वाद दायर पर क्या बोला चन्द्रहास

सदर तहसील के एसडीएम न्यायिक कोर्ट में वाद दायर करने वाले बहेड़ी निवासी चंद्रहास का कहना है कि उसकी बुआ की जमीन थी, जिसका मुआवजा लेखराज को मिला। पता चला कि चंद्रपाल नाम के व्यक्ति ने लेखराज को जमीन बेच दी है। फिलहाल नोटिस की हमें कोई जानकारी नहीं है। जमीन मेरी है।

बेवजह परेशान करने का लेखराज ने लगाया आरोप

कटोरी देवी की जमीन चौधरी सराय के रहने वाले लेखराज ने 25 साल पहले खरीदी थी। इसके बाद हाईवे निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहीत की गई, जिसका मुझे मुआवजा मिला। मुआवजा मिलने के बाद चंद्रहास की नीयत खराब हो गई और उसने कोर्ट में मुकदमा डाल दिया। लेखराज का आरोप है कि इससे पहले भी चंद्रहास मुकदमा डाल चुका है।

हिन्दुस्थान समाचार/अरविंद/दीपक/सियाराम

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