डॉ. देवेश सागर विश्वविद्यालय के ओडीएल की विद्या परिषद् में नामित
प्रयागराज, 04 मई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के प्रबंधन अध्ययन विद्या शाखा में कार्यरत एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. देवेश रंजन त्रिपाठी को डॉ हरि सिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय, सागर के दूरस्थ शिक्षा संस्थान के सुव्यवस्थित संचालन हेतु गठित विद्या परिषद का सदस्य नामित किया गया है। राष्ट्रपति के अनुमोदन पर केन्द्रीय विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता ने डॉ त्रिपाठी को नामित किया है। उनका कार्यकाल 3 वर्ष का होगा।
दूरस्थ शिक्षा जागरूकता प्रकोष्ठ के सह प्रभारी डॉ अनिल सिंह भदौरिया ने उनकी इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि इससे दूरस्थ शिक्षा की लोकप्रियता में और वृद्धि होगी। डॉ त्रिपाठी लगभग 20 वर्षों से दूरस्थ शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत हैं। उनके 47 शोध पत्र राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय शोध पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। उन्होंने 56 राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों एवं सेमिनार में सहभागिता की है।
उन्होंने प्रबंधन से सम्बंधित पांच पुस्तकों की रचना की है। दूरस्थ शिक्षा में अध्यनरत वाणिज्य तथा प्रबंधन के छात्रों के लिए उन्होंने 50 से अधिक विषयों पर पाठ्य लेखन किया है, जिसे मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित किया गया है। डॉ त्रिपाठी के निर्देशन में कई विद्यार्थी महत्वपूर्ण विषयों पर शोधरत हैं। इसके साथ ही डॉ त्रिपाठी इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली, कानपुर विश्वविद्यालय, आगरा विश्वविद्यालय, सागर विश्वविद्यालय एवं राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की विभिन्न नियामक समितियों के सदस्य भी हैं।
गौरतलब है कि देवेश रंजन प्रयागराज के प्रख्यात शिक्षाविद एवं कर्नलगंज इंटर कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य स्व कौशल किशोर त्रिपाठी के सुपुत्र हैं। डॉ. देवेश ने कहा कि वह दूरस्थ शिक्षा के विकास के लिए सदैव तत्पर रहेंगे।
हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/बृजनंदन
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