भारतीय संस्कृति से ओत-प्रोत और आकर्षक होगा 21 मार्च को नववर्ष मेला, सांसद हेमा होंगी मुख्य अतिथि

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कवियों की चौपाल पहली बार नववर्ष मेले में रहेगी मुख्य आकर्षण का केन्द्र

मथुरा, 19 मार्च (हि.स.)। अपनी भारतीय गौरवाशाली परम्परा, इतिहास एवं स्वाभिमान का प्रतीक भारतीय नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा संवत्सर की पूर्व संध्या पर नववर्ष मेला समिति, मथुरा विगत 22 वर्षों से परम्परागत रूप से मथुरा में आयोजित किया जा रहा है। इस बार यह नववर्ष मेला और भी नवआकर्षण, नवसज्जा तथा नवउत्साह के साथ सेठ बीएन पोद्दार इण्टर कॉलेज परिसर में मंगलवार 21 मार्च को विभिन्न सांस्कृतिक एवं रंगारंग कार्यक्रमों के साथ आयोजित होगा। जिसमें मुख्य अतिथि सांसद हेमामालिनी होगी। यह जानकारी प्रदीप श्रीवास्तव, महामंत्री, नववर्ष मेला समिति मथुरा द्वारा सरस्वती शिशु मंदिर दीनदयाल नगर मथुरा में रविवार शाम दी है।

उन्होंने बताया कि भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए नवसंवर्त्स पर नववर्ष मेला वर्ष 2002 से शुरू हुआ है। तभी से यह मेला प्रतिवर्ष लगता है। इस वर्ष एक दिवसीय नववर्ष मेला का शुभारम्भ चैत्र कृष्ण अमावस्या संवत् 2079 तदनुसार 21 मार्च 2023 मंगलवार को भूमि पूजन एवं हवन के साथ मध्यान्ह एक बजे से सेठ बी.एन. पोद्दार इंटर कॉलेज के मैदान में होगा। रंगोली प्रतियोगिता सायं 5 बजे से और विभिन्न मंचीय प्रतियोगिताएं सायं साढे पांच बजे से होगी। महामंत्री ने बताया कि नववर्ष समारोह दीप प्रज्जवलन के साथ रात्रि 8 बजे से होगा। इसमें मुख्यवक्ता अनंत श्री विभूषित परिव्राजकाचार्य पूज्य महामंडलेश्वर योगी यतींद्रानंद जी महाराज श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा और मुख्य अतिथि हेमामालिनी सुप्रसिद्ध सिनेतारिका एवं सांसद मथुरा होंगी। इस दिन का विशेष आकर्षण सांस्कृतिक कार्यक्रम अन्तर्गत रात्रि 9ः15 बजे से कवियों की चौपाल (कवि सम्मेलन) होगा। जिसमें सुप्रसिद्ध कविगण गजेंद्र सोलंकी, शम्भू शिखर, डॉ रुचि चतुर्वेदी, प्रख्यात मिश्रा एवं सूरजमणि त्रिपाठी कविता पाठ करेंगे।

सभी आंगुन्तकों का चन्दन लगाकर किया जाएगा स्वागत, दिया जाएगा गंगा जल

नववर्ष मेला समिति अध्यक्ष कमलेश अरोरा ने बताया कि इस नवसम्वत्सर मेला में कोई भी विदेशी वस्तु की बिक्री नहीं होती। मेला में सभी स्वदेशी वस्तुओं की बिक्री होती है। भारतीय संस्कृति के अनुसार मेला में आने वाले सभी आगुन्तको को चंदन लगाकर स्वागत किया जाता है। मेला से वापस जाते समय नीम की कॉपल और मिश्री का प्रसाद भेंट किया जायेगा। मेला समिति द्वारा उन लोगों को जिनके घर में गंगा जल नहीं है, निःशुल्क गंगा जल और अन्य सभी को नवसम्वत्सर बधाई कार्ड भेंट स्वरूप दिया जायेगा।0

मीडिया प्रमुख मुकेश शर्मा ने बताया मेला का मुख्य आकर्षण घोडा, ऊंट की सवारी, झूले खेल-तमाशा, खान-पान की स्टॉल, स्वदेशी वस्तुओं की बिक्री, राष्ट्रीय साहित्य बिक्री केन्द्र, कुटीर उद्योग से बने वस्त्र, विभिन्न प्रकार की प्रदर्शनी, नृत्य संगीत के सांस्कृतिक कार्यक्रम सहित भारतीय संस्कृति पर आधारित विविध मनोरंजक पूर्ण कार्यक्रम होंगे।

हिन्दुस्थान समाचार/महेश

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