नई शिक्षा नीति से कृषि क्षेत्र में उद्यमिता का होगा विकास : कुलपति
कानपुर, 03 दिसम्बर (हि.स.)। नई शिक्षा नीति से कृषि शिक्षा की तरफ युवाओं का रुझान बढ़ रहा है। इससे जहां एक तरफ उद्यमिता का विकास होगा तो वहीं दूसरी तरफ रोजगार के अवसर भी युवाओं को उपलब्ध होंगे। यह बातें रविवार को कृषि शिक्षा दिवस पर चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आनंद कुमार सिंह ने कही।
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आनंद कुमार सिंह ने रविवार को भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के जन्मदिवस को कृषि शिक्षा दिवस के रूप में मनाया तथा विश्वविद्यालय के शिक्षकों वैज्ञानिकों एवं छात्र छात्राओं को शुभकामनाएं भी दीं।
कुलपति ने कहा कि हमें कृषि के क्षेत्र में अधिक प्रतिभाशाली छात्रों, सक्षम संकाय और अभिनव शोध कार्यकर्ताओं को कृषि शिक्षा की तरफ आकर्षित करना है। उन्होंने यह भी बताया कि देश में अंगीकृत की गई नई शिक्षा नीति छात्रों एवं किसानों को केंद्रित करके बनाई गई है। जिससे कृषि में उद्यमिता का विकास होगा और रोजगार की अपार संभावनाओं के साथ कृषक आत्मनिर्भर बनेंगे। उन्होंने कहा कि कृषि शिक्षा को प्राथमिक स्तर से ही अनिवार्य करना चाहिए जिससे छात्रों की कृषि शिक्षा और रुचिकर हो।
उन्होंने यह भी बताया कि गोवा के 25 प्राथमिक स्कूलों में छात्र कृषि विषय को प्रयोग करके स्वयं सीखते हैं जो एक अनूठा उदाहरण है। उन्होंने बताया कि सभी कृषि छात्र स्नातक अंतिम वर्ष में इंटर्नशिप करते हैं जिसमें वे प्रशिक्षण, ग्रामीण जागरूकता, उद्योग के अनुभव, अनुसंधान विशेषज्ञता और उद्यमिता कौशल हासिल करने के लिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि जैव विविधता, उच्च उत्पादकता, खाद्य सुरक्षा के प्रति छात्रों को आकर्षित करना है जिससे वे स्वयं के उद्यम स्थापित कर आत्मनिर्भर बन सकें।
हिन्दुस्थान समाचार/अजय/बृजनंदन
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