मकर संक्रान्ति पर लगभग 21 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

मकर संक्रान्ति पर लगभग 21 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
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मकर संक्रान्ति पर लगभग 21 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी


--वरिष्ठ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी मेला क्षेत्र व स्नान घाटों पर व्यवस्थाओं का लेते रहे जायजा

प्रयागराज, 15 जनवरी (हि.स.)। संगमनगरी में मकर संक्रांति के पावन पर्व पर सोमवार को सायं 6 बजे तक लगभग 20 लाख 90 हजार लोगों ने संगम समेत गंगा के विभिन्न घाटों पर आस्था की डुबकी लगाई। श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसके दृष्टिगत सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने देर रात से ही मेला क्षेत्र में भ्रमणशील रहकर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराईं।

मेला प्रशासन के मुताबिक सुबह 10 बजे तक 8,70,000 तथा 12 बजे तक साढ़े 12 लाख, दो बजे तक 16 लाख 30 हजार एवं 6 बजे तक 20 लाख 90 हजार श्रद्धालुओं एवं स्नानार्थियों ने गंगा, यमुना एवं अंतःसलिला सरस्वती के पवित्र संगम तट तथा गंगाजी के तट पर बनाये गये विभिन्न घाटों पर आस्था की डुबकी लगायी एवं पुण्य लाभ अर्जित किया।

माघ मेला क्षेत्र में अपने स्वजनों से बिछड़ने वाले लोगो के लिए खोया-पाया केन्द्र से लगातार एनाउंस कर उनके स्वजनों से उन्हें मिलाया गया। श्रद्धालुओं को मेले में भटकना न पड़े, इसके लिए संगम जाने एवं वापस लौटने का मार्ग व अन्य मार्गों को प्रदर्शित करते हुए साइन बोर्ड रास्तों पर लगाये गये हैं।

माघ मेला क्षेत्र में सुरक्षा की व्यवस्था चाक-चौबंद रही। मण्डलायुक्त विजय विश्वास पंत, पुलिस आयुक्त रमित शर्मा, कुम्भ मेलाधिकारी विजय किरण आनन्द, पुलिस उपमहानिरीक्षक माघ मेला डॉ राजीव नारायण मिश्र, जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल, प्रभारी अधिकारी माघ मेला दयानन्द प्रसाद, अपर जिला अधिकारी मेला विवेक चतुर्वेदी सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी निरंतर भ्रमणशील रहकर व्यवस्थाओं का जायजा लेते रहे।

इसके साथ ही साथ प्रयागराज मेला प्राधिकरण में बनाये गये आईसीसीसी केन्द्र से सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से की जा रही पूरे मेला क्षेत्र की व्यवस्था को भी देखा। मकर संक्रांति का स्नान पर्व सकुशल एवं निर्विघ्न रूप से सम्पन्न हुआ।

मकर संक्राति के स्नान के साथ संगम की रेती पर माघ मास पर्यन्त चलने वाले माघ मेले का भी आज औपचारिक शुभारम्भ भी हो गया। कुछ श्रद्धालुओं ने आज से ही कल्पवास भी प्रारम्भ कर दिया। हालांकि अधिकतर कल्पवासी पौष पूर्णिमा यानि 24 जनवरी से कल्पवास अनुष्ठान की षुरुआत करेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/पदुम नारायण

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