एनसीआरटीसी सौर ऊर्जा उत्पादन से क्लीन और ग्रीन एनर्जी के उपयोग को दे रहा बढ़ावा
गाजियाबाद,26 मई(हि.स.)। एनसीआरटीसी ने भारत के पहले दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर सौर ऊर्जा के बुनियादी ढांचे को अपनाया है,जिसे अपनाने से नवीकरणीय ऊर्जा उत्पन्न करने में महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की है।
इस प्रक्रिया में एनसीआरटीसी ने आरआरटीएस स्टेशनों, डिपो और रिसीविंग सबस्टेशनों की छतों पर सौर पैनल स्थापित करके एनसीआरटीसी ने इन्हें अपने स्वच्छ और सतत ऊर्जा के केंद्रों के रूप में तैयार कर दिया है।
वर्तमान में आरआरटीएस कॉरिडोर के संचालित खंड से 2.21 मेगावाट पीक इन-हाउस सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जा रहा है और इससे सालाना 2300 टन से अधिक कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी लाने के लिए योगदान हो रहा है।
एनसीआरटीसी के प्रवक्ता पुनीत वत्स के मुताबिक वर्तमान में आरआरटीएस के संचालित सेक्शन के गुलधर, साहिबाबाद और दुहाई डिपो आरआरटीएस स्टेशनों पर सौर ऊर्जा प्लांट सक्रिय हैं। जिनमें गुलधर और साहिबाबाद पर अधिकतम बिजली उत्पादन क्षमता 729 किलोवाट (केडब्ल्यूपी) है, जबकि दुहाई डिपो स्टेशन 108 किलोवाट की क्षमता है। इसके साथ ही दुहाई डिपो 585 किलोवाट की क्षमता है। इसके अतिरिक्त, 43 किलोवाट की क्षमता वाला मुराद नगर रिसीविंग सब स्टेशन (आरएसएस) और 20 किलोवाट की क्षमता वाला गाजियाबाद आरएसएस भी सौर ऊर्जा उत्पन्न करते हैं। आरआरटीएस के अन्य स्टेशनों पर भी सोलर प्लांट की स्थापना का कार्य प्रगति पर है।
उन्होंने बताया कि एनसीआरटीसी, सौर ऊर्जा को अपनाते हुए पारंपरिक जीवाश्म ईंधन-आधारित विद्युत उत्पन्न करने के तरीकों को स्वच्छ और हरित सौर ऊर्जा में परिवर्तित करने में योगदान दे रही है,जिससे सस्टेनेबल एनर्जी और परिचालन दक्षता को अनुकूलित करते हुए एनसीआरटीसी अपने कार्बन फुटप्रिंट्स को कम करने के व्यापक दृष्टिकोण के साथ सहजता से प्रगति कर रही है। 82 किमी लंबे सम्पूर्ण आरआरटीएस कॉरिडोर के संचालित होने पर इससे 11 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन करने का लक्ष्य है, जिससे सालाना 11,500 टन सी.ओ.टू उत्सर्जन कम होने की उम्मीद है, जो जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ा कदम साबित होगा।
गुलधर और साहिबाबाद आरआरटीएस स्टेशनों पर 1620 उच्च दक्षता वाले सौर पैनलों (प्रत्येक) की स्थापना इस दिशा में एनसीआरटीसी की अटूट प्रतिबद्धता का उदाहरण है। इन स्टेशनों से प्रति स्टेशन सालाना लगभग 10 लाख यूनिट बिजली उत्पन्न होने का अनुमान है।
हिन्दुस्थान समाचार/फरमान/राजेश
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