महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एनसीआरटीसी दे रहा रहा ड्राइविंग प्रशिक्षण
गाजियाबाद, 04 जनवरी (हि.स.)। एनसीआरटीसी महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए ड्राइविंग प्रशिक्षण दे रहा रहा । इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत 18 से 35 वर्ष की लगभग 500 महिलाओं को अलग-अलग बैच में ड्राइविंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। एनसीआरटीसी (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम) के प्रवक्ता पुनीत वत्स ने बताया कि कार्यक्रम के शुरुआती चरण में लगभग 4-5 दिनों तक महिलाओं को ड्राइविंग के नियमों और ड्राइविंग के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों से परिचित कराने के लिए क्लासरूम ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके बाद दूसरे चरण में 2-3 दिनों तक वाहनों के बारे में तकनीकी जानकारी दी जाती है। इसके बाद तीसरे चरण में उन्हें 4-5 दिनों तक सिमुलेटर के माध्यम से गाड़ी चलाते समय नियंत्रण बनाए रखना सिखाया जाता है।
अंत में, आखिरी चरण में महिलाओं को नियंत्रित वातावरण में सड़कों पर ड्राइविंग का अभ्यास करवाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, एनसीआरटीसी इन महिला प्रतिभागियों को ड्राइविंग के लिए लर्निंग लाइसेंस प्राप्त करने में भी सहायता प्रदान कर रहा है। ड्राइविंग प्रशिक्षण पूरा होने पर ये महिला प्रतिभागी टैक्सी या ई-रिक्शा जैसे वाहन चलाकर अपने घर की आर्थिक जरूरतों को पूरा कर आत्मनिर्भर बन सकेंगी।
यह ड्राइविंग प्रशिक्षण कार्यक्रम एशियन डेवलेपमेंट बैंक (एडीबी) द्वारा प्रशासित जेएफपीआर (जापान फंड फॉर प्रॉस्परस एंड रेज़िलिएंट एशिया एंड द पेसिफिक) अनुदान के तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। एनसीआरटीसी नियमित रूप से महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए ऐसे कार्यक्रम आयोजित करता है, जिसमें टैक्सी ड्राइवरों को प्रशिक्षण, ड्राइवरों और कंडक्टरों के लिए लिंग संवेदीकरण और रोजगार के लिए कौशल विकास सहित इसी तरह की पहल के तहत सैकड़ों महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है।
आरआरटीएस इस क्षेत्र में खासकर महिला यात्रियों के लिए परिवहन का सबसे सुरक्षित और आरामदायक साधन है। ट्रेन में प्रीमियम कोच के साथ वाला एक कोच महिला यात्रियों के लिए आरक्षित किया गया है और इसके अलावा अन्य सभी कोचों में भी महिला यात्रियों के लिए सीटें आरक्षित हैं। नमो भारत ट्रेनों में महिला यात्रियों को सुरक्षित यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था भी लागू की गई है, जिसके तहत पूरी ट्रेन और आरआरटीएस स्टेशन परिसर में निगरानी के लिए सीसीटीवी लगाए गए हैं। आरआरटीएस में अधिकांश ट्रेन ऑपरेटर और स्टेशन कंट्रोलर महिलाएं हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/फरमान अली
/बृजनंदन
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