एनसीसी कैडेट्सों ने सीखी कबाड़ से जुगाड़ बनाने की तकनीक

एनसीसी कैडेट्सों ने सीखी कबाड़ से जुगाड़ बनाने की तकनीक
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एनसीसी कैडेट्सों ने सीखी कबाड़ से जुगाड़ बनाने की तकनीक


प्रयागराज, 19 दिसम्बर (हि.स.)। नैनी स्थित सेंट जोसेफ स्कूल में चल रहे 06 यूपी बटालियन प्रयागराज के एनसीसी कैडेट्स के कैम्प में मंगलवार को नगर निगम द्वारा स्वच्छ सारथी क्लब के अंतर्गत वेस्ट टू आर्ट यानी कबाड़ से जुगाड़ कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें कैडेट्सों ने तकनीक सीखी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही नगर निगम की सहायक नगर आयुक्त दीपशिखा पांडेय ने बताया कि कबाड़ से जुगाड़ एक ऐसी विधि है जिसे हम जिन्दगी के हर क्षेत्र में उपयोग में ला सकते हैं। इस तकनीक का उपयोग हम उन चीजों को दोबारा उपयोग में लाने के लिए करते हैं, जिन्हें बेकार समझा जाता है। उन्होंने बताया कि आने वाले कुम्भ 2025 में हमारा शहर पूरी दुनिया को स्वच्छता का संदेश देगा और ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने शहर को स्वच्छ व सुंदर बनाएं। उन्होंने एनसीसी कैडेट के साथ अपने आगामी कार्यक्रमों को भी साझा करते हुए स्वच्छता में कदम से कदम मिलाकर चलने की बात कही।

कार्यशाला की शुरुआत नगर निगम के आई.ई.सी प्रमुख कृष्ण कुमार मौर्य ने नीलकंठ ग्रुप के कूड़े गाड़ी को मॉडल बनाकर एनसीसी कैडेट्स को कूड़े को अलग-अलग करने के फायदे बारे में बताया।यह भी बताया कि यह कूड़ा किन-किन चरणों से गुजरते हुए सूखा कूड़ा सामान में बदलता है और गीला कूड़ा खाद में बदलता है।

कार्यक्रम में नगर निगम की ओर से स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर इंजीनियर संजीव त्रिपाठी और अर्चना त्रिपाठी ने सिंगल यूज प्लास्टिक के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि हम जो पानी की प्लास्टिक बोतल इस्तेमाल करते हैं, उस पर नीचे एक त्रिकोण बना होता है जिस पर कुछ नंबर लिखे होते हैं। इन नंबरों का मतलब जानिए। अगर आपके प्लास्टिक के बोतल पर 3, 6 या 7 नंबर लिखा है तो आपको इस तरह के डिब्बों को इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। मतलब है कि इस प्लास्टिक में हानिकारक तत्व जैसे बीपीए मिला हुआ है। अगर आपके प्लास्टिक बोतल के पीछे 1 नंबर लिखा है तो इसका मतलब होता है कि आप इस कंटेनर को सिर्फ एक बार ही इस्तेमाल कर सकते हैं। आपको खरीदते वक्त इसी नंबर को देखना और जानना है। वहीं अगर आप बार-बार इस्तेमाल करने वाले बोतल को खरीदना चाह रहे हैं तो आप देख लें कि बोतल के पीछे 2, 4, 5 की संख्या है या नहीं। इस नंबर वाले प्लास्टिक के बोतल को आप रीयूज कर सकते हैं।

कार्यक्रम के दूसरे चरण में सृष्टि वेस्ट मैनेजमेंट सर्विस की ओर से राहुल नागर और अशोक पटेल ने एनसीसी कैडेट के साथ प्लॉग रन का आयोजन किया। जिसमें एनसीसी कैडेट्स को एक टास्क दिया गया 30 मिनट के अंदर पूरे कैंपस से सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर आना है और उसको कबाड़ से जुगाड़ के तकनीकी के माध्यम से उसे उपयोगी सामानों में बदलेंगे। एनसीसी कैडेट्स ने 5 मिनट पूर्व ही सारे सिंगल यूज प्लास्टिक को बटोर लिया और हमारे प्रशिक्षक के उस सिंगल यूज प्लास्टिक को उपयोगी सामानों में बदल दिए। इस तरह कबाड़ से जुगाड़ तकनीकी स्वच्छता में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।

एनसीसी कैडेट्स ने अपने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से मोहल्ले में होने वाले गंदगी को बहुत ही मनोरंजन ढंग से सभी के समक्ष रखा और उसके निवारण की बात भी की। इसके उपरांत एनसीसी कैडेट्स की लीडर अंशु मिश्रा ने सभी को स्वच्छता की शपथ दिलाई। कैंप कमांडर कर्नल प्रवीण कुमार एस, डिप्टी कैंप कमांडर मेजर फराह, सेंट जोसेफ के प्रधानाचार्य फादर जोसेफ सहायनाथन ने कार्यक्रम की सराहना की। नगर निगम की ओर से ऋषिकांत यादव, रजत जाटव, मानसी केसरवानी आदि मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/मोहित

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