नजूल संपत्ति विधेयक जनविरोधी : माले
लखनऊ, 31 जुलाई (हि.स.)। भाकपा (माले) ने बुधवार को विधानसभा से पारित उत्तर प्रदेश नजूल संपत्ति (लोक प्रयोजनार्थ प्रबंध और उपयोग) विधेयक-2024 की कड़ी आलोचना की है। पार्टी ने इसे प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी के बुलडोजर राज को वैधानिकता प्रदान करने वाला जनविरोधी, लोकतंत्र-विरोधी विधेयक बताया है और इसके कानून बनने पर रोक लगाने की मांग की है।
राज्य सचिव सुधाकर यादव ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि इस विधेयक से प्रदेश में गरीबों को उजाड़ने, उनके घरों पर बुलडोजर चलाने के अभियान को तेजी मिलेगी। बुलडोजर राज की आक्रमकता बढ़ेगी। इस अर्थ में यह विधेयक-गरीब विरोधी भी है। नजूल भूमि सरकारी भूमि है, जिस पर प्रदेश में बड़ी संख्या में गरीब लोग पुश्तों से घर बनाकर रह रहे हैं। दलितों, आदिवासियों, भूमिहीनों, पिछड़ों को कृषि व अन्य उपयोग के लिए नजूल भूमि दी गई है। यदि यह विधेयक कानून बना, तो इन सभी की बेदखली की जाएगी। बड़ी संख्या में गरीब परिवार बेघर होकर सड़कों पर आ जाएंगे। प्रदेश में बेसहारा, बेघरों की तादाद बढ़ेगी। यदि सरकार गरीबों को आवास नहीं दे सकती, तो कम-से-कम उन्हें नजूल भूमि से बेदखल तो न करे, जहां वे किसी तरह गुजारा कर रहे हैं।
माले नेता ने कहा कि यह विधेयक पूरे प्रदेश में लखनऊ के ध्वस्त अकबरनगर जैसे कई अकबरनगर पैदा करेगा, जहां योगी का विनाशकारी बुलडोजर गरीबों पर गरजेगा और उनका आवास व अजीविका छिनेगा। भाजपा नेतृत्व ने लोकसभा चुनाव परिणाम से कुछ भी सकारात्मक ग्रहण नहीं किया है। उक्त विधेयक नजूल भूमि के सार्वजनिक उपयोग की आड़ में कारपोरेट के फायदे के लिए बना है। इसका विरोध किया जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार / दीपक वरुण / बृजनंदन यादव
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