देवीपाटन में माँ सती का गिरा था पट सहित वाम स्कंध, दर्शन मात्र से होती है मनोकामनाएं पूर्ण
बलरामपुर, 09 अप्रैल(हि.स.)। 51 शक्तिपीठों में शुमार मंदिर देवीपाटन में आज नवरात्रि के पहले दिन भोर से ही भक्तों की भारी भीड़ जुटी है। श्रद्धालु कतारबद्ध होकर मां पाटेश्वरी जी का दर्शन-पूजन कर रहे हैं। देवीपाटन मंदिर में माँ के दर्शन मात्र से श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। चैत्र नवरात्रि पर यहां लगने वाला परम्परागत एक माह का मेला भी शुरू हुआ है।
श्रद्धालुओं के बड़ी संख्या में आवागमन को लेकर जिला व मंदिर प्रशासन के द्वारा व्यापक इंतजाम किये गये हैं। श्रद्धालुओं के आवागमन को लेकर रेलवे द्वारा एक जोड़ी मेला स्पेशल ट्रेन चलाई गई है जो 24 अप्रैल तक नवरात्रि के नवें दिन तक चलेगी। इसके अलावा देवीपाटन से जुड़े सभी सड़क मार्गों पर परिवहन विभाग द्वारा रोडवेज बस लगाए गए हैं। सुरक्षा के दृष्टिगत तकरीबन दो हजार पुलिसकर्मी वा सुरक्षा से जुड़े अन्य विभाग के जवान लगाए गए हैं।
देवीपाटन मंदिर का धार्मिक महत्व
देवीपाटन मंदिर 51 शक्तिपीठों में शुमार है। यहां माता सती का वाम स्कंध पट सहित गिरा था,जो कि मंदिर में शिलालेख पर वर्णित है। वाम स्कंध पट सहित गरने से इस स्थान को पाटन देवी वा देवीपाटन के रूप में जाना जाता है। यह स्थान महायोगी गुरु गोरखनाथ की तपोस्थली भी है। महायोगी द्वारा जलाया गया अखंड धूना युगों-युगों से आज भी जल रहा है।
श्रद्धालु मां पाटेश्वरी जी का दर्शन पूजन के उपरांत अखंड धूने का दर्शन करना नहीं भूलते हैं। महाभारत कालीन राजा कर्ण से भी यह स्थान जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि राजा कर्ण मंदिर स्थित सरोवर में स्नान कर सूर्य की आराधना करते थे, जो आज सूर्यकुंड के नाम से जाना जाता है। श्रद्धालु देवी पाटन पहुंच इसी पवित्र कुंड में स्नान कर मन पाटेश्वरी जी का पूजन करते हैं।
चैत्र नवरात्रि में एक माह तथा शारदीय नवरात्रि में 15 दिवसीय भव्य मेला लगता है,जिसमें देश के कोने-कोने के अलावा नेपाल से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। मंदिर की ऐतिहासिकता वह धार्मिक महत्व को देखते हुए लगने वाले इस मेला को राजकीय मेला का दर्जा प्राप्त है।
आज से शुरू हो रहे एक माह के मेला को लेकर प्रशासन के द्वारा व्यापक इंतजाम किया गया हैं। साफ सफाई-पेयजल सहित विभिन्न बिंदुओं को लेकर जिला प्रशासन के द्वारा दो बार समीक्षा बैठक भी हो चुकी है।
देवीपाटन पीठाधीश्वर मिथलेश नाथ योगी ने बताया कि श्रद्धालुओं के आवागमन को लेकर व्यापक इंतजाम किया गया है। पूरा मंदिर व मेला परिसर में सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है। जिसके माध्यम से पूरी व्यवस्थाओं पर वह स्वयं नजर बनाये हुए है।
हिन्दुस्थान समाचार/प्रभाकर/राजेश
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।