प्रकृति संरक्षण से आध्यात्मिक चेतना का विकास : शंकराचार्य अधोक्षजानंद
-माघ मेला में प्रकृति धर्म अध्यात्म चिंतन शिविर
प्रयागराज, 05 फरवरी (हि.स.)। माघ मेला स्थित कैम्प में पूर्वाम्नाय गोवर्धन मठ पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने प्रकृति संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि यह एक पुण्य कार्य है। इससे व्यक्ति के भीतर आध्यात्मिक चेतना का विकास होता है। हर व्यक्ति को चाहिए कि वह प्रकृति के संरक्षण के लिए चिंतन करे तथा इस अभियान को जन-जन तक पहुंचाये।
शंकराचार्य माघ मेला क्षेत्र के ओल्ड जीटी रोड स्थित श्री आद्य शंकराचार्य धर्मोत्थान संसद शिविर में प्रकृति धर्म अध्यात्म मंथन शिविर में देश-विदेश से आये कार्यकर्ताओं को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस संगम भूमि पर अनादि काल से ऋषि-मुनि चिंतन करते रहे हैं। यह क्षेत्र तपस्थली है। यहां गोस्वामी तुलसीदास का महर्षि याज्ञवल्क्य एवं भारद्वाज के साथ गुप्त संवाद हुआ था। इसी का परिणाम हुआ कि रामचरित मानस जैसी महान रचना मानव जाति के समक्ष आई। यह हमारे समाज का मार्ग दर्शक ग्रंथ है।
उन्होंने कहा कि नदियों एवं प्रकृति के संरक्षण के लिए आप प्रकृति योद्धाओं ने संकल्प लिया है, यह महत्वपूर्ण है। आप लोग अवश्य अपने लक्ष्य को प्राप्त करेंगे। महाराजा हर्षवर्धन भी यहां कुम्भ मेला पर आकर पूजा-अर्चना करते थे और अपना सर्वस्व दान देकर चले जाते थे। इससे उनका पराक्रम बढ़ा और वे भारत के महान राजा बने।
शंकराचार्य ने आगे कहा कि आज संसार को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए नदियों, पहाड़ों एवं पेड़ों को बचाने की जरूरत है। इसे विनष्ट होने से बचाना है। विधाता ने इसीलिए मनुष्य की रचना की। इसे हमें समझना होगा। आप प्रकृति योद्धाओं को मां गंगा, यमुना एवं सरस्वती ने इसी उद्देश्य से बुलाया है। उन्होंने कहा कि वे 2021 भारत यात्रा पर निकले थे। फिर यात्रा का विस्तार कर उन्होंने अखंड भारत यात्रा के दौरान सात देशों की यात्रा की। इस यात्रा के दौरान उन्होंने लोगों को प्रकृति संरक्षण का संदेश दिया।
इस अवसर पर शंकराचार्य ने नेपाल सहित देश के विभिन्न राज्यों से डॉ.. हर्ष प्रभा, विक्रम यादव, समीर अंसारी, नैपाल सिंह पाल, शनि कुमार, सुनील कुमार, अमित मकरंद, दिलीप कुमार, डाॅ.अमित कुमार, ललिता देवी, तन्नू कुमारी, आरती कुमारी, कन्हैया, श्याम सुंदर गुप्ता, जगत सिंह, उमेश कुमार, मंटू कुमार, अमित कुमार चौधरी, ऋषिकेश कुमार, जीतेंद्र मिश्र, टोडरमल प्रसाद, शिवम कुमार, अशोक कुमार गुप्ता, सुमन गुप्ता, आलोक कुमार गुप्ता आदि को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में विशेष रूप से डाॅ. धर्मेन्द्र उपस्थित थे। संचालन डॉ. ब्रजेंद्र प्रताप सिंह ने किया।
हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/सियाराम
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