नेशनल हैंडलूम एक्सपो 2025: बुनकरों की कला और सांस्कृतिक विरासत का भव्य संगम

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नेशनल हैंडलूम एक्सपो 2025: बुनकरों की कला और सांस्कृतिक विरासत का भव्य संगम


कानपुर, 10 दिसंबर (हि.स.)। मोतीझील लान नंबर-3 में चल रहा नेशनल हैण्डलूम एक्सपो 2025 “गांधी बुनकर मेला” शहर की सर्दियों में रंग और रौनक घोल रहा है। 16 दिसंबर तक चलने वाले इस महोत्सव में हथकरघा परंपरा, बुनकरों की कला और देशभर की विविध सांस्कृतिक झलक को एक ही स्थान पर सहेजे हुए है। आयोजन विकास आयुक्त हथकरघा, वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार तथा आयुक्त एवं निदेशक, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है।

सहायक एक्सपो प्रभारी दीपक तिवारी ने बताया कि तमिलनाडु की महिला उद्यमी मुत्तू लक्ष्मी राधाकृष्णनन का स्टाल एक्सपो का सबसे बड़ा आकर्षण बन गया है। स्टाल नंबर 15 पर रखे गए समुद्री सीपियों से तैयार फैंसी उत्पाद लोगों को चकित कर रहे हैं। विशेष बात यह है कि ये उत्पाद वह एक्सपो स्थल पर ही बनाकर प्रदर्शित कर रही हैं। किफायती मूल्य और अनूठी शिल्पकला के कारण उनके स्टाल पर लगातार भीड़ उमड़ रही है।

इसके साथ ही उत्तराखंड और हिमाचल कुल्लू से आए ऊनी सदरी, कोट, मफलर और टोपियाँ गुलाबी सर्दी के बीच आगंतुकों की पहली पसंद बने हुए हैं। स्टालधारकों के अनुसार शहर में ठंड बढ़ने के साथ ऊनी वस्त्रों की बिक्री में तेजी आई है और भारी संख्या में खरीदारी हुई। स्थानीय लोगों के अलावा बच्चों से लेकर वरिष्ठ नागरिकों तक एक्सपो हर वर्ग को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। खाने पीने के स्टॉलों की रौनक भी पूरे मेले में उत्साह बढ़ा रही है।

स्टालधारकों ने बताया कि बुधवार काे भीड़ उम्मीद से कहीं अधिक रही, जिससे बिक्री में उत्तरोत्तर वृद्धि दर्ज की गई। अधिकांश कारीगरों ने कहा कि कानपुर का क्राफ्ट लविंग दर्शक वर्ग उनके लिए हमेशा प्रेरक रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप

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