शैक्षिक चुनौतियों का सामना समावेशी शिक्षा से : प्रो. पीके साहू
प्रयागराज, 11 नवम्बर (हि.स.)। आज की शैक्षिक चुनौतियों से निपटने में हमें समावेशी शिक्षा, ऑनलाइन एजुकेशन, ई-लर्निंग एवं औपचारिक, अनौपचारिक तथा निरौपचारिक शिक्षा की प्रणालियों को विशेष महत्व देना होगा।
उक्त विचार उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में भारत के प्रथम केंद्रीय शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्म दिवस पर मुख्य अतिथि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. पी.के साहू ने व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जोड़ा जाए। जिस तरह आज हम भारतवासी सफल चंद्रयान के प्रक्षेपण पर अपने आपको गौरवान्वित महसूस करते हैं, उसकी नींव में मौलाना आजाद की दूरदर्शिता का बड़ा योगदान है।
कुलपति प्रोफेसर सीमा सिंह के निर्देशन में शनिवार को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस समारोह का ऑनलाइन आयोजन किया गया। शिक्षा विद्याशाखा के प्रो. छत्रसाल सिंह ने कहा कि 1947 से लेकर 1958 तक मौलाना अब्दुल कलाम आजाद ही ऐसे दूरदर्शी व्यक्ति थे जिन्होंने सर्वप्रथम आईआईटी के स्थापना की अवधारणा को आगे बढ़ाया तथा उनकी स्थापना किया। इसके अलावा उन्होंने ही संगीत नाटक अकादमी, कृषि विश्वविद्यालय तथा तकननीकी शिक्षा पर विशेष जोर दिया था।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विज्ञान विद्याशाखा के निदेशक प्रो. आशुतोष गुप्ता ने राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर निर्धारित थीम को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि आमजन को नवाचारों से जोड़ा जाना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन डॉ. बाल गोविंद सिंह, सहायक आचार्य एवं सभी का आभार कुलसचिव कर्नल विनय कुमार ने किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी, विभिन्न अध्ययन केन्द्रों के समन्वयक एवं शिक्षार्थियों ने सक्रिय रूप से प्रतिभाग किया।
हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/राजेश
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