लोस चुनाव : गोरखपुर के मतदाता लगा रहे हैं राष्ट्र सर्वोपरि का नारा

लोस चुनाव : गोरखपुर के मतदाता लगा रहे हैं राष्ट्र सर्वोपरि का नारा
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लोस चुनाव : गोरखपुर के मतदाता लगा रहे हैं राष्ट्र सर्वोपरि का नारा


गोरखपुर, 20 अप्रैल(हि.स.)। यूपी में लोकसभा चुनाव की सरगर्मी बढ़ गई है। इसकी आंच योगी की कर्मभूमि गोरखपुर में भी दिख रही है। यह नगरी भगवाधारी के नाते भगवामय है। इस लोकसभा क्षेत्र में सभी जाति,वर्ग एवं सम्प्रदाय के लोग हैं, लेकिन सबका एक ही सुर है 'राष्ट्र सर्वोपरि'।

गोरखपुर सदर लोकसभा सीट में पांच विधानसभाएं शामिल हैं, लेकिन सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण विधानसभा सीट गोरखपुर शहर है, जहां से योगी आदित्यनाथ विधायक बनकर वर्ष 2017 और फिर वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने हैं। शहर में मतदाताओं से लोकसभा चुनाव 2024 का हालचाल जानने पर हरिओम नगर कालोनी निवासी मतदाता कीर्ति भूषण बताते हैं कि जन समस्या तो हर क्षेत्र में रहती ही है। नई बसी कॉलोनियों में सड़क, नाली, सीवर लाइन की समस्या बनी हुई है। फिर भी जहां चुनाव की बात है तो राष्ट्र सर्वोपरि का ध्यान रखकर योगी आदित्यनाथ अपनी पहली पसंद हैं। दूसरी पार्टी के जीतने पर वह केंद्र में सरकार तो नहीं बना पायेगें। फिर अपना मत क्यों खराब किया जाए।

गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र में तेजी से विकसित हुए सहजनवां विधानसभा क्षेत्र में किसका पलड़ा भारी है पूछने पर हर कोई बस एक ही नाम लेता मिलता है, योगी आदित्यनाथ। सहजनवा क्षेत्र निवासी राकेश सिंह बताते हैं कि गोरखपुर के इतिहास में जब भी हिंदू और राष्ट्र के मुद्दे पर कोई खुल कर बोलता है तो बस वह योगी आदित्यनाथ ही हैं। मतदान करते वक्त राष्ट्र हित ही फिर ध्यान रहता है।

गोरखपुर ग्रामीण, पिपराइच और कैंपियरगंज में भी कुछ गांवों को छोड़ दिया जाए तो हर चट्टी चौराहे पर वंदे मातरम, जय श्रीराम का उद्घोष करते लोग मिल जाते हैं। लोकसभा चुनाव के माहौल में योगी-योगी का नारा लगाने वाले लोग भी यहां कम नहीं है। मतदाताओं पर नजर डालें तो गोरखपुर सदर सीट पर पुरुष मतदाता 11 लाख, 12 हजार, 23 और महिला मतदाता 9 लाख,62 हजार, 531 है। वहीं विकास के कई कार्य गोरखपुर के शहरी क्षेत्र में होने बाकी है, जिसकी भी लोग आशा लगाए बैठे हैं।

गोरखपुर के इतिहास में झांके तो यह शहर मुंशी प्रेमचंद की कर्मस्थली रही है तो फिराक गोरखपुरी का नाम यहां से जुड़ता है। राम प्रसाद बिस्मिल की शहादत भी यही हुई हैं तो विश्व प्रसिद्ध गीता प्रेस भी यहीं पर स्थित है। आजकल एक जिला-एक उत्पाद के अन्तर्गत गोरखपुर के टेराकोटा का नाम देशभर में लोकप्रिय हो रहा है। अब देखना है कि यहां का मतदाता राष्ट्र सर्वोपरि के रूप में किसे अपना सांसद बनाता है।

हिन्दुस्थान समाचार/शरद/राजेश

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