नगर निगम ने उन्नाव गेट मुक्ति धाम पर जारी गृहकर नोटिस किया निरस्त
झांसी, 25 नवंबर (हि.स.)। उन्नाव गेट मुक्ति धाम पर नगर निगम के गृहकर विभाग द्वारा 90 हजार का गृहकर नोटिस चस्पा कर दिया था। जिसको लेकर पिछले दो दिनों से नगर निगम सुर्खियों में बना रहा और मुक्ति धाम के अध्यक्ष सरदार वीर सिंह व पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य द्वारा इसका पुरजोर विरोध किया गया। आखिरकार नगर निगम ने इस पटाक्षेप करते हुए मुक्ति धाम पर जारी गृहकर नोटिस निरस्त कर दिया गया।
नगर क्षेत्र में मुक्तिधाम के सापेक्ष जारी गृहकर नोटिस की खबरों के संबंध में नगर निगम ने स्पष्ट किया कि नगर निगम द्वारा कराये जा रहे जीआईएस सर्वे के दौरान सर्वे टीम ने फ्रेस भवन के रूप में मुक्तिधाम भवन के विरूद्ध आईडी नंबर 8010300370557124 छत पर कर सूची में दर्ज करते हुए करारोपण प्रस्तावित किया था। जिसके विभागीय स्थलीय सत्यापन के उपरान्त नोटिस जारी होना चाहिए, परन्तु लिपिकीय त्रुटि से डिमाण्ड नोटिस क्रमांक ए-7635 जारी किया गया। जिसे तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 177 के अनुसार कतिपय भवन- ऐसे भवन व भूमि जिस पर मृतकों के शवों का निस्तारण होता हो, ऐसे भवन जो सार्वजनिक उपासना व चैरिटी कार्यो के लिए प्रयुक्त होते हो, खेल के मैदान, उद्यान, स्टेडियम, इण्टमीडियट तक के ऐसे स्कूल जिनमें 50 रूपये प्रति छात्र प्रतिमाह से अधिक शुल्क न लिया जा रहा हो तथा संरक्षित स्मारक व ऐसे भवन जिनका वार्षिक मूल्य मात्र 360 रूपये से अधिक न हो को, गृहकर से छूट प्रदान की गयी है। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी द्वारा कर विभाग के समस्त स्टाफ को निर्देशित किया गया कि धारा 177 के अन्तर्गत करमुक्त भवनों के विरूद्ध किसी भी प्रकार की डिमाण्ड नोटिस जारी न की जाये। जीआईएस सर्वे के दौरान प्रस्तुत की जाने वाली प्रस्तावित कर सूची में सूक्ष्मता से जांच कर कर मुक्त भवनों को पृथक करने के उपरान्त अवशेष सूची के सापेक्ष डिमाण्ड नोटिस/बिल जारी करने की कार्यवाही की जाये। जिम्मेदार कर्मचारियों के विरूद्ध कार्यवाही की जा रही है।
हिन्दुस्थान समाचार/महेश/मोहित
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